आत्म स्वरूप में लौटना ही है अध्यात्म: अवधेशानंद

संवाद सहयोगी हरिद्वार दिव्य प्रेम सेवा मिशन के वार्षिकोत्सव अवसर पर जूना अखाड़े के आचार्य मह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 03:01 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 06:12 AM (IST)
आत्म स्वरूप में लौटना ही है अध्यात्म: अवधेशानंद
आत्म स्वरूप में लौटना ही है अध्यात्म: अवधेशानंद

संवाद सहयोगी, हरिद्वार: दिव्य प्रेम सेवा मिशन के वार्षिकोत्सव अवसर पर जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि आत्म स्वरूप में लौटना ही अध्यात्म है। सेवा के मूल में त्याग, समर्पण, प्रेम, करुणा का तत्व होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भागवत में भगवान श्रीकृष्ण को अध्यात्म दीप कहा गया है। स्वयं में परिवर्तन करने का प्रयास ही आत्म स्वरूप को पान है। विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन को अध्यात्म, सेवा और परमार्थ की त्रिवेणी बताया। उन्होंने कहा कि 1997 में स्थापित दिव्य प्रेम सेवा मिशन एक पौधे से विशाल वट वृक्ष बन चुका है। इसकी छाया में दीन-हीन कुष्ठ रोगियों और उनके परिवारों को आश्रय और सेवा दोनों मिल रही है। संस्थापक आशीष गौतम ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन निरंतर पीड़ित मानवता की सेवा करते हुए अध्यात्म सेवा के मार्ग का अनुगामी बना हुआ है। इस अवसर पर कुलपति केएन सिंह, स्वामी प्रदीप, केके सिघल, विरेंद्र कुमार बिष्ट, डा. नितिन अग्रवाल, विधायक नागेंद्र राठौर, विवेक द्विवेदी, राकेश पहलवान आदि मौजूद रहे।

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गंगा आरती से जीवंत हो उठा नमामि गंगा घाट

हरिद्वार: चंडीघाट स्थित नमामि गंगा घाट पर पहली बार बनारस की तर्ज पर नमामि गंगे घाट पर आयोजित भव्य आरती की गई। इसे देखकर हजारों श्रद्धालु जन आनंदित हो उठे। कार्यक्रम को केयर कॉलेज की छात्राओं व दिव्य प्रेम सेवा मिशन से संचालित दिव्य भारत शिक्षा मंदिर व माधवराव देवले शिक्षा मंदिर के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर भव्यता प्रदान की। इस अवसर पर मिशन के संस्थापक आशीष गौतम, राष्ट्रीय संयोजक संजय चतुर्वेदी, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरी, महामंत्री श्री महंत हरिगिरी, दक्षिण काली मंदिर पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, स्वामी चिदानंद, बाबा हठयोगी, विधायक आदेश चौहान, सुरेश राठौर आदि मौजूद रहे।

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