304 पंचायतों में 480 प्रवासी क्वारंटाइन सेंटर

बाहर से गांवों में आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन करने के लिए जिले की 304 ग्राम पंचायतों में 480 क्वारंटाइन सेंटर तैयार कर लिए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 06:30 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 06:30 PM (IST)
304 पंचायतों में 480 प्रवासी क्वारंटाइन सेंटर
304 पंचायतों में 480 प्रवासी क्वारंटाइन सेंटर

संवाद सहयोगी, हरिद्वार: बाहर से गांवों में आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन करने के लिए जिले की 304 ग्राम पंचायतों में 480 क्वारंटाइन सेंटर तैयार कर लिए गए हैं। इसमें पंचायतों में स्थित सरकारी भवन शामिल किए गए हैं। इनमें से कुछ केंद्रों में प्रवासियों को फिलहाल रुकवाया भी गया है।

सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों में बाहरी प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटाइन करने के आदेश जारी किए गए थे। इनमें ऐसे प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटाइन करने को कहा गया था, जिनके घरों पर होम क्वारंटाइन जैसी व्यवस्थाएं नहीं हैं। साथ ही संस्थागत क्वारंटाइन भवनों में रखे गए ऐसे प्रवासियों को भोजन-पानी आदि की सुविधा भी देने के निर्देश प्रधानों को दिए हैं, जिनके घरों से यह व्यवस्था नहीं हो सकती है। इसके लिए 10 हजार रुपये तक का बजट जिलाधिकारी से बिल प्रस्तुत कर प्राप्त करने का प्रावधान भी किया गया है। भवनों को क्वारंटाइन बनाने के लिए पंचायतों को अन्य बजट से खर्चा करने की छूट दी गई थी। इसलिए पंचायत विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों में सरकारी स्कूलों, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों आदि सरकारी भवनों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाना शुरू कर दिया गया था। इससे अब तक विभाग की ओर से सरकारी भवनों को चिह्नित कर तैयार कर लिया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी आरसी त्रिपाठी ने बताया कि बहादराबाद ब्लॉक की 70 ग्राम पंचायतों में 126, नारसन की 59 पंचायतों में 104, लक्सर की 50 पंचायतों में 51, खानपुर की 23 पंचायतों में 23, रुड़की की 49 पंचायतों में 90 व भगवानपुर ब्लॉक क्षेत्र की 53 पंचायतों में 86 क्वारंटाइन भवन बनाए गए हैं। जिससे जिले की 304 ग्राम पंचायतों में 480 क्वारंटाइन भवनों में बिजली, पानी समेत रहने की सभी जरूरी आवश्क सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल पंचायत भवन, सरकारी स्कूलों और सामुदायिक भवन में 142 प्रवासी क्वारंटाइन किए गए हैं। बताया कि जिनका समय पूरा होता रहता है उन्हें छोड़ दिया जाता है।

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