एक साथ कीजिए द्वादश ज्योतिर्लिगों के दर्शन

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: आम तौर पर भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिगों के दर्शन को उत्तर में केदारना

By Edited By: Publish:Mon, 03 Aug 2015 07:51 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2015 07:51 PM (IST)
एक साथ कीजिए द्वादश ज्योतिर्लिगों के दर्शन

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: आम तौर पर भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिगों के दर्शन को उत्तर में केदारनाथ से लेकर दक्षिण में रामेश्वरम तक जाना पड़ता है, लेकिन हरिद्वार के एक आश्रम में एक ही स्थान पर शिव के द्वादश लिंग के दर्शन हो जाते हैं। भोले की ससुराल कनखल स्थित हरिहर आश्रम में वट वृक्ष के नीचे इन द्वादश ज्योतिर्लिग के दर्शन को रोजाना भक्तों की भीड़ लगी रहती है। श्रावण व महाशिवरात्रि पर तो यहां पर दर्शन को घंटों इंतजार करना पड़ता है।

दरअसल, वेदों के अनुसार भगवान शिव के देशभर में 12 स्थानों पर स्वत: स्फुटित ज्योतिर्लिग हैं। इनके दर्शनों के लिए भक्तों को देशभर के विभिन्न स्थानों पर जाना पड़ता है। हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में एक ही स्थान पर इन दुर्लभ ज्योतिर्लिगों के दर्शन किए जा सकते हैं। खास बात यह कि इन शिव¨लगों को द्वादश ज्योतिर्लिंगों के स्थान से ही लाया गया है। प्रत्येक शिव¨लग के सामने ज्योतिर्लिंग का नाम और स्थान भी दर्शाया है। नित्य ज्योतिर्लिंगों में जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की जाती है। आश्रम में पहुंचने वाले श्रद्धालु सबसे पहले द्वादश ज्योतिर्लिंगों के नाम से स्थापित शिव¨लगों के नाम दर्शन करते हैं। हरिहर आश्रम के कार्यकारी प्रबंधक बताते हैं कि देश भर श्रद्धालु इन शिव¨लगों के दर्शन को आते हैं। यहां वैसे तो हर रोज श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है, लेकिन श्रावण मास व शिवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है।

देशभर के बारह ज्योíत¨लग

भीमाशंकर - डाकिनी में

वैद्यनाथ - परली में

ओंकारेश्वर - अमलेश्वर में

महाकालेश्वर - उज्जेन में

मल्लिकार्जुन - श्री शैल में

सोमनाथ - सौराष्ट्र में

धुश्मेश्वर - शिवालय में

केदारनाथ - हिमालय में

‌र्त्यम्बकेश्वर - गौतमी तट पर

विश्वनाथ - वाराणसी में

नागेश्वर - दारुकावन में

रामेश्वरम - सेतुबंध में

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