प्राइमरी शिक्षकों के लिए पदोन्नति के मौके घटे

जागरण संवाददाता, रुड़की: जिले में प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों के पदोन्नति के अवसर लगातार क

By Edited By: Publish:Mon, 27 Apr 2015 05:07 PM (IST) Updated:Mon, 27 Apr 2015 05:07 PM (IST)
प्राइमरी शिक्षकों के लिए पदोन्नति के मौके घटे

जागरण संवाददाता, रुड़की: जिले में प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों के पदोन्नति के अवसर लगातार कम होते जा रहे हैं। इसकी वजह से जूनियर के शिक्षकों में बेचैनी साफ दिखाई दे रही है। दूसरी ओर प्राइमरी स्कूल में भी अब 150 सौ से कम छात्र संख्या वाले स्कूल में हेड मास्टर नहीं होगा।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के शुरू होने से पहले हरिद्वार जिले में जूनियर हाईस्कूल की संख्या 182 थी, जो कि अब कम होती जा रही है। तीस से अधिक स्कूलों को उच्चीकृत कर हाईस्कूल कर दिया है। साथ ही शासन की ओर से निर्देश जारी किया कि जो जूनियर हाईस्कूल उच्चीकृत होकर हाईस्कूल बनेंगे, उनमें जूनियर के शिक्षकों के पदों को मृत घोषित कर दिया जाएगा। इसके चलते जूनियर शिक्षकों का कैडर लगातार कम होता जा रहा है। इससे प्राथमिक और जूनियर के शिक्षकों के चेहरे पर बेचैनी साफ दिखाई दे रही है। राजकीय जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुखबीर सिंह चौहान की मानें तो आने वाले समय में प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त होने वाला शिक्षक इसी पद से सेवानिवृत्त हो जाएगा। वजह यह है कि 150 से कम छात्र संख्या वाले स्कूल में हेड मास्टर का पद समाप्त कर दिया है।

जिले में है 676 प्राइमरी स्कूल

हरिद्वार जिले में वर्तमान में 676 प्राथमिक विद्यालय हैं। प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षकों की पदोन्नति प्राइमरी के हेड मास्टर और जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक के रूप में दी जाती है। वर्तमान करीब साढे़ तीन हजार शिक्षक प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं।

'प्राथमिक और जूनियर शिक्षक संघ ने मांग उठाई है कि जूनियर हाईस्कूलों को उच्चीकृत न किया जाए, इससे उनके सृजित पदों पर असर पड़ रहा है, इस संबंध में शासन को अवगत कराया है। कैबिनेट में ही इस संबंध में कोई फैसला होना है।'

सीमा जौनसारी निदेशक प्रारंभिक शिक्षा।

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