मच्छरों के शोर से जागा मलेरिया विभाग
जागरण संवाददाता, रु ड़की: गर्मी शुरू होते ही मच्छरों का शोर सुनाई देने लगा है। मलेरिया के मामले भी आन
जागरण संवाददाता, रु ड़की: गर्मी शुरू होते ही मच्छरों का शोर सुनाई देने लगा है। मलेरिया के मामले भी आने लगे हैं। जनवरी से अब तक जिले में 12 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें खतरनाक प्लाजमोडियम फेलसिपेरम (पीएफ) मलेरिया के चार और प्लाजमोडियम वाइवैक्स (पीवी) के आठ मामले शामिल हैं। लिहाजा मलेरिया विभाग इसकी रोकथाम को लेकर अभी से ही सतर्क हो गया है।
मलेरिया-डेंगू आदि ने पिछले कुछ सालों से जिले में कहर बरपा रखा है। गर्मी शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से मलेरिया के मामले भी आने शुरू हो गए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी 2015 से अब तक जिले में 12 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें चार जानलेवा पीएफ और शेष पीवी मलेरिया के हैं। इन 12 मामलों में अकेले नौ लक्सर क्षेत्र के और इन नौ मामलों में तीन खतरनाक पीएफ मलेरिया के मामले इसी क्षेत्र के होने के चलते विभाग ने यहां सतर्कता बढ़ा दी है। लोगों को जागरूक करने के लिए ब्लॉक स्तर पर गोष्ठियां शुरू कर दी गई है। इसमें ग्रामीणों को मलेरिया के कारण, लक्षण और बचाव की जानकारी दी जा रही है। जून में विभाग की ओर से मनाने वाले मलेरिया माह में विलेज लेबल तक गोष्ठियां आयोजित करने का दावा किया जा रहा है। मलेरिया के लिहाजा से संवेदनशील लक्सर और खानपुर क्षेत्र में जल्द डीडीटी का छिड़काव शुरू कराने का भी विभाग दावा कर रहा है।
वर्षवार मलेरिया के मामले
वर्ष केस
2010 252
2011 364
2012 373
2013 359
2014 617
2015 012
इस वर्षअब तक मामले
लक्सर -- 09
भगवानपुर -- 01
हरिद्वार क्षेत्र--02
मलेरिया से बचाव के उपाय
-घर और आसपास साफ सफाई रखें
-गंदा पानी जमा न होने दें
-रात में सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें
-बुखार की शिकायत पर डाक्टर को दिखाएं
'मलेरिया को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। जिन क्षेत्रों से मामले आये हैं वहां विशेष नजर रखी जा रही है। लोगों को जागरूक करने के लिए जून में मलेरिया माह के तहत विलेज लेबल पर गोष्ठियां आयोजित की जाएगी। ग्रामीणों को मलेरिया के कारण, लक्षण और बचाव की जानकारी दी जाएगी। जिन क्षेत्रों में पॉजिटिव केस मिले हैं वहां डीडीटी का छिड़काव भी कराया जाएगा।'
गुरनाम सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी