विदेशी साहित्यकार जॉन को बेहद पसंद है भारत पर अध्ययन करना
विदेशी साहित्यकार जॉन की का कहना है कि वह भारत से बेहद प्रभावित हैं। वह भारत पर आधारित कई पुस्तकें लिख चुके हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: डब्ल्यूआइसी (राजपुर रोड) में साहित्य पर आयोजित परिचर्चा में विदेशी साहित्यकार जॉन की ने कहा कि वह भारत से बेहद प्रभावित हैं। वह भारत पर आधारित कई पुस्तकें लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह दुनिया में होने वाले तकनीकी विकास के साथ समन्वय कर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजे है, यह सराहनीय है।
रविवार को आयोजित परिचर्चा में साहित्यकार जॉन की ने कहा कि उन्हें बचपन से ही साहित्य में रुचि रही है। वो विभिन्न देशों पर पुस्तकें लिख चुके हैं, लेकिन भारत पर पुस्तकें लिखना उन्हें बेहद पसंद है। उन्होंने अपनी 'द स्पाइस रूट' पुस्तक पर कहा कि इसमें उन्होंने प्राचीन मसालों के बारे में बताया है। इसमें भारत के मसालों का प्रमुखता से जिक्र है। वह ईस्ट इंडिया कंपनी पर 'द ऑनरेबल कंपनी' पुस्तक भी लिख चुके हैं।
इसके अलावा ग्रेट आर्क, इंडिया डिस्कवर्ड, इंडिया अ हिस्ट्री सबसे ज्यादा लोकप्रिय पुस्तकें हैं। विरासत आर्ट्स एवं हैरिटेज फेस्टिवल पुस्तक के लेखक लोकेश ओहरी ने कहा कि साहित्य लोगों को जागरूक करने का सशक्त माध्यम है। इसके जरिए हमें लोगों को सांस्कृतिक विरासत को लेकर जागरूक करना चाहिए।
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