लोकगायक प्रीतम भरतवाण ने अमेरिकी छात्रों को कराई उत्तराखंडी लोक की सैर
लोकगायक प्रीतम भरतवाण अपने एक पखवाड़े के अमेरिका प्रवास से लौट आए हैं। इस दौरान प्रीतम ने वहां कई विश्वविद्यालयों में जागर व ढोल सागर पर व्याख्यान दिए।
मसूरी, [जेएनएन]: लोकगायक प्रीतम भरतवाण अपने एक पखवाड़े के अमेरिका प्रवास से लौट आए हैं। इस दौरान प्रीतम ने वहां कई विश्वविद्यालयों में जागर व ढोल सागर पर व्याख्यान दिए। साथ ही शोधार्थी छात्र-छात्राओं को उत्तराखंडी लोकवाद्य ढोल-दमाऊ के विभिन्न पहलुओं से भी परिचित कराया।
मसूरी पहुंचने पर प्रीतम ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। बताया कि अमेरिका के सिनसिनाटी और इलिनॉय विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उत्तराखंडी लोकवाद्य ढोल-दमाऊ और जागर विधा पर शोध कर रहे हैं।
उन्होंने इन विश्वविद्यालयों में ढोल-दमाऊ की विभिन्न तालों और जागर के महत्व पर व्याख्यान दिए। प्रीतम ने बताया कि वह हेम लोक कला केंद्र के माध्यम से देश-विदेश के छात्रों को उत्तराखंड में भी जागर, ढोल-दमाऊ, डौंर, हुड़का व थाली का प्रशिक्षण देते रहेंगे। ताकि दुनियाभर में उत्तराखंडी संस्कृति को प्रसिद्धि और समृद्धि मिल सके। इस मौके पर संगीतकार संजय कुमोला, गायक जितेंद्र पंवार, अनिल गोदियाल, राय सिंह रावत आदि भी मौजूद रहे।
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