काश्तकारों को सता रही भूकटाव की चिंता
संवाद सहयोगी, विकासनगर: काश्तकारों अपनी उपजाऊ भूमि के भू-कटाव की ¨चता सताने लगी है। क
संवाद सहयोगी, विकासनगर: काश्तकारों अपनी उपजाऊ भूमि के भू-कटाव की ¨चता सताने लगी है। कारण, बरसात आने वाली है और प्रशासन की रोक से भू-कटाव की समुचित व्यवस्था नही हो पाई है। प्रशासन ने नदी किनारे जेसीबी लगाने पर रोक लगा रखी है। जिससे काश्तकार मेढ़ नहीं बना पा रहे है। अब काश्तकार प्रशासन पर आरोप लगा रहे है कि प्रशासन ने नदी किनारे बाढ़ सुरक्षा कार्य नहीं कराए उन्हें भी सुरक्षा कार्य नही करने दिया जा रहा है।
पछवादून में बरसाती नदियों से हर वर्ष सैकड़ों बीघा कृषि भूमि बह रही है। काश्तकार लंबे समय से खेतों के किनारे मेढ़ बनाने की बात कर रहे हैं, मगर प्रशासन द्वारा यहां जेसीबी लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जिससे इस बरसात में भी काश्तकारों को कृषि भूमि के बहने का खतरा सता रहा है। काश्तकारों का आरोप है कि प्रशासन ने बरसाती नदियों पर कहीं भी बाढ़ सुरक्षा कार्य नहीं किए हैं और न ही उन्हें सुरक्षा उपाय करने की अनुमति दी है। बताते चलें कि बरसात के दिनों में पछवादून की आसन, यमुना शीतला, स्वारना नदी सहित बरसाती खाले ढकरानी, भीमावाला, प्रतीतपुर, जस्सोवाला, फतेहपुर, सहसपुर, सेलाकुई, भाऊवाला, ढाकी, हसनपुर सहित एक दर्जन से अधिक गांवों की कृषि भूमि कटाव की जद में आ रही है। पिछले कई वर्षों से इन गांवों के काश्तकारों की सैकड़ों बीघा जमीन बरसात के पानी में बह गई। काश्तकार खुशहाल ¨सह, रमेश सैनी, महेंद्र सैनी, रतिराम सैनी, इशहाक, अफजल, नसीम, प्रेम ¨सह, ने बताया कि प्रशासन से नदियों में जेसीबी लगाकर मेंढ़ बनाने की अनुमति दिए जाने की गुहार लगाई थी। मगर प्रशासन ने जेसीबी लगाने की अनुमति नहीं दी। उधर, एसडीएम जितेंद्र कुमार ने कहा कि शासन के आदेश पर नदियों में जेसीबी नहीं चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं।