पति की शहादत के बाद देहरादून की यह वीरांगना पहनेंगी सैन्य वर्दी

देहरादून जिले के हर्रावाला निवासी नायक दीपक नैनवाल दस अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल हुए थे। तीन गोलियां लगीं लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शरीर में धंसी गोलियों से एक माह तक लोहा लिया।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 05:30 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 05:30 AM (IST)
पति की शहादत के बाद देहरादून की यह वीरांगना पहनेंगी सैन्य वर्दी
पति की शहादत के बाद अब ज्‍योति देश की सेवा के लिए उनकी ही राह पर चल पड़ी हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून: देश के एक मोर्चे पर हमारे जांबाज डटे हैं तो दूसरे मोर्चे उनकी मां, पत्नी और बहनें। यह उनका साहस ही है, जिसके बूते हमारे जांबाज बिना किसी चिंता देश पर कुर्बान होने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। ...और सलाम है उन महिलाओं को, जो जब कोई वीर तिरंगे में लिपटकर घर आता है तो अपने दर्द को पीछे छोड़कर साहस की नई इबारत लिखने लगती हैं। इन्हीं वीरांगनाओं में से हैं शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति। पति की शहादत के बाद अब वह देश की सेवा के लिए उनकी ही राह पर चल पड़ी हैं। वह सेना में अफसर बनने जा रही हैं।

देहरादून जिले के हर्रावाला निवासी नायक दीपक नैनवाल दस अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में घायल हुए थे। तीन गोलियां लगीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शरीर में धंसी गोलियों से एक माह तक लोहा लिया। परिवार वालों से हमेशा यही कहा, 'चिंता मत करो, मामूली जख्म है, ठीक हो जाऊंगा।Ó लेकिन, 20 मई को वह जिंदगी की जंग हार गए। जिसने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया। मगर, शहीद की पत्नी ज्योति जानती थीं कि इससे आगे भी एक दुनिया है। ऐसे में उन्होंने अपने लिए एक नई राह चुनी और पति की ही तरह देश सेवा का संकल्प लिया। कड़ी मेहनत और लगन के बाद भारतीय सेना के लिए उनका चयन हो गया है। अब वह प्रशिक्षण के लिए चेन्नई  स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी जा रही हैं। 

शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता, चंद्रबनी के शहीद शिशिर मल्ल की पत्नी संगीता और नींबूवाला के शहीद अमित शर्मा की पत्नी प्रिया सेमवाल पहले ही सैन्य वर्दी पहन उदाहरण स्थापित कर चुकी हैं।

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बेटा भी बनना चाहता है फौजी 

शहीद दीपक नैनवाल के दो बच्चे हैं, आठ वर्षीय बेटी लावण्या और पांच साल का बेटा रेयांश। लावण्या कक्षा तीन में पढ़ती है और रेयांश यूकेजी में। उन्होंने पिता को फौजी वर्दी में देखा था और अब मां भी सेना में अफसर बनने जा रही हैं। जिस पर वह फख्र महसूस कर रहे हैं। रेयांश भी आगे चलकर फौजी ही बनना चाहता है।  

तीन पीढिय़ों से कर रहे देशसेवा 

दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढिय़ां देश सेवा से जुड़ी रही हैं। दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल भी फौज से रिटायर्ड हैं। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध व कई अन्य ऑपरेशन में हिस्सा लिया। उनके पिता व दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल स्वतंत्रता सेनानी थे। 

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