Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में अगले सप्ताह करवट बदल सकता है मौसम
प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ है। न्यूनतम तापमान में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार 12 अक्टूबर तक मौसम किसी तरह के परिवर्तन की उम्मीद नहीं है। 13 अक्टूबर से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है।
देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में भले ही इन दिनों मौसम साफ है, लेकिन 13 अक्टूबर से मौसम करवट बदल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान प्रदेश में बारिश की संभावना है।
प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ है। न्यूनतम तापमान में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार 12 अक्टूबर तक मौसम किसी तरह के परिवर्तन की उम्मीद नहीं है। हालांकि 13 अक्टूबर से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके बाद प्रदेश में कई स्थानों पर बारिश हो सकती है। इससे अधिकतम तापमान में भी कमी आएगी।
बारिश न होने से फलपट्टी के काश्तकार चिंतित
चंबा-मसूरी फलपट्टी में लंबे समय से बारिश न होने के कारण मटर सहित अन्य नकदी फसल सूखने की कगार पर है जिस कारण काश्तकार चिंतित हैं। यह फलपट्टी मटर उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है लेकिन इस बार पौधों में वृद्धि नहीं होने से उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा।
प्रदेश की फलपट्टी में सुमार 40 किमी चंबा-मसूरी फलपट्टी सेब के अलावा नकदी फसलों के लिए प्रसिद्ध है। खासकर यहां पर बड़ी मात्रा में मटर का उत्पादन किया जाता है। फलपट्टी के काश्तकार एक नाली पर करीब 70 से 90 किलो तक मटर का उत्पादन करते हैं। यहां का मटर स्थानीय बाजारों के अलावा ऋषिकेश, मसूरी, देहरादून की मंडियों में जाता है। इन दिनों फलपट्टी में मटर की फसल लगाई गई है लेकिन पिछले डेढ़ माह से बारिश नहीं होने के कारण मटर की पौधों में वृद्धि नहीं हो पा रही है।पानी के अभाव में यहां का काश्तकार बारिश पर ही निर्भर रहता है। पिछले काफी दिनों से बारिश नहीं होने से इसका असर फसलों पर पड़ रहा है।
इससे मटर के अलावा बंदगोभी, शिमला मिर्च आदि की फसल सूखने की कगार पर है। काश्तकार खुशीराम डबराल का कहना है कि एक किलो मटर का बीज सौ से 60 रूपये तक खरीदा गया इन दिनों मटर पर फूल आ जाते हैं लेकिन बिना बारिश के मटर की फसल सूखने की कगार पर है। काश्तकार प्रेमलाल का कहना है कि यदि बारिश नहीं होती है तो इस बार किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
विभिन्न शहरों में तापमान