गांव की तरक्की के गुर सीखेंगे पंचायत प्रतिनिधि

पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड के गांव कैसे तरक्की करें अब नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को इसके गुर सिखाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jan 2020 07:49 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jan 2020 07:49 PM (IST)
गांव की तरक्की के गुर सीखेंगे पंचायत प्रतिनिधि
गांव की तरक्की के गुर सीखेंगे पंचायत प्रतिनिधि

राज्य ब्यूरो, देहरादून:

पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड के गांव कैसे तरक्की करें, अब नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को इसके गुर सिखाए जाएंगे। उन्हें पंचायतों की कार्यप्रणाली की बारीकियों से लैस किया जाएगा तो ग्राम स्तर पर चलने वाली योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। साथ ही ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम (जीपीडीपी) में जनसहयोग से किस तरह योजनाएं तैयार होनी है, इसके गुर भी सिखाए जाएंगे। इस सिलसिले में पंचायतीराज समेत 17 रेखीय विभागों के अधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देंगे।

हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद पंचायतों का गठन हो चुका है। इस मर्तबा पंचायतों में बड़ी संख्या में प्रतिनिधि पहली बार चुनकर आए हैं। ऐसे में पंचायतों की कार्यप्रणाली से लैस करने के मद्देनजर सभी पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने का खाका खींच लिया गया है। मंशा ये है कि प्रशिक्षण के बाद सभी पंचायत प्रतिनिधि अपनी पंचायतों को सरसब्ज बनाने में जुट जाएं।

सचिव पंचायतीराज हरबंस चुग के निर्देश पर पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के मद्देनजर जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनरों का चयन हो चुका है। अपर सचिव पंचायतीराज हरि चंद्र सेमवाल के अनुसार मास्टर ट्रेनर 17 विभागों के अधिकारी हैं। 17 व 18 जनवरी को देहरादून में इनकी कार्यशाला रखी गई है। इसके बाद ये सभी ब्लाक स्तर पर अधिकारियों को ट्रेंड करेंगे। प्रशिक्षण के लिए कुछ संस्थाएं भी चयनित की जा रही हैं।

अपर सचिव सेमवाल ने बताया कि ग्राम प्रधानों के ब्लाक और ग्राम पंचायत सदस्यों के न्याय पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्यों का प्रशिक्षण ब्लाक स्तर पर और जिला पंचायत सदस्यों का रुद्रपुर में होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्षों का प्रशिक्षण प्रशासनिक अकादमी नैनीताल में होगा।

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प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु

-पंचायतों की कार्य संचालन नियमावली

-राज्य व केंद्र स्तर की योजनाएं

-वित्तीय नियम

-अभिलेखों का रखरखाव

-ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम

-आइटी से संबंधित 11 एप

-जियो टैगिंग

-कैशलेस ट्रांजेक्शन

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नहीं होगी औपचारिकता

पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण महज औपचारिकता तक नहीं सिमटेंगे। प्रत्येक प्रशिक्षण और इसमें भाग लेने वाले पंचायत प्रतिनिधियों का पूरा ब्योरा केंद्र सरकार के ट्रेनिंग पोर्टल में अपलोड होगा। ऐसे में केंद्रीय पंचायतीराज विभाग भी इसकी मॉनीटरिग कर सकेगा।

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