सरकार को बंधी राहत मिलने की आस

आपदा का दंश झेल रहे उत्तराखंड को सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिलने की आस बंधी है। कोर्ट ने सरकार की ओर से दाखिल उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, जिसमें आपदा को देखते हुए राज्य में निर्माण कार्याें से छूट देने का अनुरोध किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Sep 2018 10:23 PM (IST) Updated:Tue, 04 Sep 2018 10:23 PM (IST)
सरकार को बंधी राहत मिलने की आस
सरकार को बंधी राहत मिलने की आस

राज्य ब्यूरो, देहरादून:

आपदा का दंश झेल रहे उत्तराखंड को सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिलने की आस बंधी है। कोर्ट ने सरकार की ओर से दाखिल उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, जिसमें आपदा को देखते हुए राज्य में निर्माण कार्याें से छूट देने का अनुरोध किया गया है। यही नहीं, राज्य सरकार ने यह भी अवगत कराया है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की संशोधित नीति तैयार कर ली है, जिसे कैबिनेट में अनुमोदन को लाया जा रहा है। याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट-2016 के ठोस कचरा प्रबंधन नियमों के तहत दो साल बाद भी उत्तराखंड समेत कुछ अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कोई नीति न बनाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को इन सभी राज्यों को कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की नीति तैयार होने तक वहां निर्माण कार्याें पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उत्तराखंड में भी हलचल हुई और नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया।

यही नहीं, अब राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। याचिका में कहा गया कि भारी बारिश के कारण राज्य आपदा की मार झेल रहा है। टिहरी गढ़वाल में तो भूस्खलन के कारण झील बन गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के फलस्वरूप राज्य में निर्माण कार्य बंद हैं। ऐसे में भारी बरसात और भूस्खलन से लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इन सब स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने निर्माण कार्याें से छूट देने का अनुरोध किया है।

शहरी विकास सचिव आरके सुधांशु के अनुसार कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया है राज्य ने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की रिवाइज्ड पॉलिसी बना दी है, जिसे अनुमोदन के लिए कैबिनेट के समक्ष लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अदालत ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई नियत की है।

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