उत्‍तराखंड रोडवेज : एक जुलाई से लागू होगी विशेष प्रोत्साहन योजना, बस फुल रहने पर चालक व परिचालक को मिलेगा इनाम

इसके अंतर्गत अगर माह में बस में 95 प्रतिशत से अधिक यात्रियों ने यात्रा की तो चालक व परिचालक को निर्धारित लक्ष्य से अधिक मिली धनराशि से दस-दस प्रतिशत प्रोत्साहन राशि इनाम के रूप में दी जाएगी। एक जुलाई से विशेष प्रोत्साहन योजना लागू होगी।

By Nirmala BohraEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 09:40 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 09:40 AM (IST)
उत्‍तराखंड रोडवेज : एक जुलाई से लागू होगी विशेष प्रोत्साहन योजना, बस फुल रहने पर चालक व परिचालक को मिलेगा इनाम
एक जुलाई से लागू होगी विशेष प्रोत्साहन योजना

जागरण संवाददाता, देहरादून: रोडवेज में चालक-परिचालकों के लिए एक जुलाई से विशेष प्रोत्साहन योजना लागू होगी। इसके अंतर्गत अगर माह में बस में 95 प्रतिशत से अधिक यात्रियों ने यात्रा की तो चालक व परिचालक को निर्धारित लक्ष्य से अधिक मिली धनराशि से दस-दस प्रतिशत प्रोत्साहन राशि इनाम के रूप में दी जाएगी। अगर बस में यात्रियों का प्रतिशत 95 तक रहा तो चालक-परिचालक को लक्षित आय से अधिक मिली धनराशि में से आठ-आठ प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

उदाहरण के तौर पर, अगर बस का एक माह की आय का निर्धारित लक्ष्य 10 लाख रुपये है और बस 11 लाख रुपये की आय करती है तो अधिक आय वाली राशि यानी एक लाख रुपये से चालक-परिचालक को प्रोत्साहन राशि के रूप में दस-दस प्रतिशत के हिसाब से 10-10 हजार रुपये मिलेंगे। नई योजना विशेष श्रेणी व संविदा चालक और परिचालकों के लिए काफी लाभकारी बताई जा रही। दरअसल, इन्हें प्रति किमी के हिसाब से मानदेय मिलता है। अब यदि कोई चालक-परिचालक ईमानदारी से बस का संचालन कर अधिक आय लाएगा, तो उसे प्रोत्साहन राशि के रूप में बड़ी रकम मिल सकती है।

इसमें चालक-परिचालक के पुराने वर्षों का रिकार्ड भी देखा जाएगा। साथ ही यदि कोई नई बस सेवा संचालित हुई है तो उसके लिए न्यूनतम यात्री प्रतिशत 85 रहेगा। नई योजना सभी साधारण बसों पर लागू होगी। एसी, जनरथ और साधारण अनुबंधित बसों में नई योजना केवल परिचालक पर लागू होगी, जबकि वाल्वो में यह योजना मान्य नहीं होगी। महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से जारी किए आदेश में सभी डिपो एजीएम को जुलाई से नई विशेष प्रोत्साहन योजना के अनुसार चालकों और परिचालकों का रिकार्ड तैयार करने को कहा गया है।

पुरानी योजना भी चलती रहेगी

नियमित, संविदा व विशेष श्रेणी चालक और परिचालकों को हर माह दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की पुरानी योजना भी चलती रहेगी। बस में हर माह न्यूनतम 65 प्रतिशत यात्री के हिसाब से संचालित पुरानी योजना में चालक और परिचालकों को 26 दिन में मैदानी मार्ग पर 4000 किमी बस संचालन पर 1000 रुपये, 5000 किमी बस संचालन पर 2000 रुपये, जबकि 6000 किमी बस संचालन करने पर 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पर्वतीय मार्ग पर 25 दिन में 3000 किमी के बस संचालन पर 1000 रुपये, 3500 किमी डयूटी पर 2000 रुपये और 4000 किमी बस संचालन पर 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलती है। योजना के अंतर्गत चालक-परिचालक को 26 दिन की डयूटी करना अनिवार्य है।

रोडवेज के विशेष श्रेणी और संविदा चालक-परिचालकों का मानदेय बढ़ा

राज्य और निगम कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढऩे के बाद अब रोडवेज के विशेष श्रेणी और संविदा चालक-परिचालकों के वेतन में भी इजाफा हो गया है। सरकार की ओर से राज्य व निगम कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 28 से बढ़ाकर 31 प्रतिशत किया गया है। इसके सापेक्ष रोडवेज मुख्यालय की ओर से विशेष श्रेणी एवं संविदा चालकों व परिचालकों के भी मासिक वेतन में महंगाई भत्ता के अनुसार वृद्धि का आदेश जारी कर दिया गया है। इससे 3000 चालक-परिचालकों को लाभ मिलेगा।

रोडवेज प्रबंधन ने तीन दिन पहले अपने तकरीबन 3500 नियमित कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया था। इसमें विशेष श्रेणी व संविदा कर्मियों को कोई लाभ नहीं दिया गया। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने प्रबंध निदेशक को ज्ञापन देकर विशेष श्रेणी और संविदा कर्मियों के मानदेय में भी वृद्धि किए जाने की मांग की थी। शनिवार को रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से विशेष श्रेणी व संविदा चालक-परिचालकों को भी बढ़े महंगाई भत्ता के अनुसार लाभ देने का आदेश जारी किया गया।

इसमें निगम में चालकों को मैदानी मार्ग पर अब 2.61 रुपये के बजाए 2.65 रुपये प्रति किमी जबकि पर्वतीय मार्ग पर 3.06 रुपये के बजाए 3.19 रुपये प्रति किमी के हिसाब से मानदेय मिलेगा। परिचालकों को मैदानी मार्ग पर 2.22 रुपये प्रति किमी के बजाए 2.25 रुपये जबकि पर्वतीय मार्ग पर 2.59 रुपये के बजाए 2.62 रुपये मिलेंगे। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार आदेश बीती एक मई से लागू माने जाएंगे। इसके अलावा स्थानीय मार्गों पर संचालित होने वाली बसों के लिए पर्वतीय मार्गों की दरें मान्य होंगी, लेकिन शर्त है कि मार्ग की दूरी 75 किमी से अधिक न हो। रोडवेज में तैनात किए जा रहे बाह्य स्रोत के चालक व परिचालकों के लिए भी नई दरें लागू मानी जाएंगी।

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