उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियनों की प्रदेशव्यापी हड़ताल कल, केंद्र की नीतियों के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन

उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति 26 नवंबर (गुरुवार) को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगी। हजारों की संख्या में कर्मचारी व ट्रेड यूनियनों के कार्यकत्र्ता दिन के 11 बजे गांधी पार्क के गेट पर एकत्र होंगे और केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन करेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 11:03 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 11:03 AM (IST)
उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियनों की प्रदेशव्यापी हड़ताल कल, केंद्र की नीतियों के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन
संयुक्त ट्रेड यूनियनों की प्रदेशव्यापी हड़ताल कल।

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति 26 नवंबर (गुरुवार) को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होगी। हजारों की संख्या में कर्मचारी व ट्रेड यूनियनों के कार्यकत्र्ता दिन के 11 बजे गांधी पार्क के गेट पर एकत्र होंगे और केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। इस देशव्यापी हड़ताल में बैंक, बीमा, पोस्टल, रक्षा, केंद्रीय कर्मचारी, बिजली कर्मचारी, आंगनवाड़ी, भोजन माता, आशा वर्कर्स सहित निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजनाओं, उद्योगों के कामगार शामिल होंगे।

राजपुर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय सभागार में मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता को सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज, इंटक के प्रांतीय महामंत्री एपी अमोली, एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मजदूर व किसान विरोधी है। केंद्र की नीतियों के कारण देश के करोड़ों मजदूर बेरोजगार होकर भूखों मरने की कगार पर पहुंच गए हैं। 

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक 12 करोड़ से अधिक श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। देश को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने वाले दोनों वर्ग (किसान व मजदूर) आज सबसे अधिक त्रस्त हैं। केंद्र सरकार ने बिना चर्चा किए किसान बिल बहुमत के आधार पर पास कर दिया, जिसमें मजदूरों के रक्षा कवच 44 श्रम कानूनों में बड़ा बदलाव कर दिया गया है। उनका कहना है कि पिछले छह वर्षों में देशभर में हजारों किसानों ने आत्महत्या कर ली। इस मौके पर एटक नेता ओपी सूद, समर भंडारी, एसएस रजवार. भगवंत पयाल, रविंद्र नौडियाल, रामराज पाल आदि उपस्थित रहे।

यह हैं यूनियनों की मांगें

श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को तुरंत वापस लिया जाए। उद्योगों में यूनियन बनाने के मौलिक अधिकार पर प्रतिबंध हटे। श्रम विरोधी 44 संशोधनों को वापस लिया जाए। सरकारी कर्मचारियों के एक वर्ष तक के महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाई जाए। सभी सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की बंद की गई पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए।

एसबीआइ छोड़ सभी बैंक हड़ताल में रहेंगे शामिल

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर अन्य सभी बैंकों के कर्मचारी शामिल होंगे। उत्तरांचल बैंक इंप्लॉइज यूनियन की बैठक में यह निर्णय लिया गया। नेशविला रोड स्थित कार्यालय में मंगलवार को सभी बैंकों के जिला मंत्री व महामंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें यूबीईयू देहरादून इकाई के संयुक्त सचिव चंद्रकांत जोशी ने बताया कि यूबीईयू केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करती है। बताया कि प्रदेश में भारतीय स्टेट बैंक को छोड़ अन्य सभी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। बताया कि भारतीय स्टेट बैंक ने हड़ताल को बाहर से समर्थन दिया है।

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन ने दिया हड़ताल को समर्थन

उत्तराखंड मेडिकल और सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन ने विभिन्न ट्रेड यूनियनों की 26 नवंबर को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है। एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री दीपक शर्मा ने बताया कि प्रदेश के करीब ढाई हजार सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स गुरुवार को हड़ताल में शामिल होंगे। ये हड़ताल केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की आड़ में श्रम कानूनों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़े बदलाव कर दिए हैं।

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