उत्तराखंड में निकला अजब आदेश, सात माह से जहां थे वहीं मिली नई तैनाती, जबकि ये है नियम
शासन ने पदोन्नत हुए सात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) की तैनाती के आदेश जारी कर दिए हैं। अचरज यह कि इन अधिकारियों को नई तैनाती उसी स्थान पर दी गई है जहां ये बीते सात माह से तैनात हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में शासन ने पदोन्नत हुए सात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) की तैनाती के आदेश जारी कर दिए हैं। अचरज यह कि इन अधिकारियों को नई तैनाती उसी स्थान पर दी गई है, जहां ये बीते सात माह से तैनात हैं। यहां तक कि पदोन्नति पाने से पहले परिवहन कर अधिकारी के रूप में भी इनकी तैनाती इन्हीं स्थानों पर थी। नियमानुसार पदोन्नति के बाद अधिकारियों का तैनाती स्थल बदला जाता है और मैदानी क्षेत्रों में तैनात कार्मिकों को पर्वतीय क्षेत्र में भेजा जाता है। इसके उलट विभाग ने इन अधिकारियों की नवीन तैनाती न करते हुए इन्हें मौजूदा स्थान पर ही बरकरार रखा है।
परिवहन विभाग ने गत 19 जनवरी को सात परिवहन कर अधिकारियों की सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के पद पर पदोन्नति की थी। नियमानुसार तो पदोन्नति के बाद इन सभी को नवीन तैनाती दी जानी थी, लेकिन शासन ने इन्हें मौजूदा स्थान पर ही सेवाएं देने को कहा। कहा गया कि तैनाती के आदेश पृथक से जारी किए जाएंगे।
जब जनवरी में यह आदेश जारी हुआ, तब सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी हीरा सिंह बर्गली आयुक्त कार्यालय देहरादून, ज्योति शंकर मिश्रा रुड़की, विपिन कुमार, ऊधमसिंह नगर, निखलेश कुमार ओझा, टिहरी, अशीत कुमार झा, काशीपुर, पंकज श्रीवास्तव, ऋषिकेश और रत्नाकर सिंह विकासनगर में तैनात थे। अब सात माह बाद इनकी तैनाती का आदेश जारी किया गया है।
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इस आदेश में भी सभी अधिकारियों को मौजूदा तैनाती स्थान पर ही रखा गया है। यह स्थिति तब है, जबकि तैनाती की पत्रावली शासन में अनुभाग स्तर से होते हुए, अपर सचिव, सचिव और फिर परिवहन मंत्री स्तर तक जाती है। इस संबंध में सचिव परिवहन डा रणजीत सिन्हा का कहना है कि कोविड के कारण अग्रिम आदेशों तक इन्हें मौजूदा तैनाती स्थल पर रखने के आदेश दिए गए हैं।
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