Uttarakhand Election: देहरादून और हरिद्वार में मतदाता लिंगानुपात सबसे कम, पर्वतीय जिलों में स्थिति सबसे बेहतर

देहरादून और हरिद्वार को प्रदेश के बड़े शहरों में गिना जाता हो लेकिन मतदाता लिंगानुपात के लिहाज से ये दोनों जिले प्रदेश में सबसे अधिक पिछड़े हुए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो देहरादून में एक हजार पुरुषों के सापेक्ष 896 महिला मतदाता हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 05:37 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 05:37 PM (IST)
Uttarakhand Election: देहरादून और हरिद्वार में मतदाता लिंगानुपात सबसे कम, पर्वतीय जिलों में स्थिति सबसे बेहतर
देहरादून और हरिद्वार में मतदाता लिंगानुपात सबसे कम।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 भले ही देहरादून और हरिद्वार को प्रदेश के बड़े शहरों में गिना जाता हो, लेकिन मतदाता लिंगानुपात के लिहाज से ये दोनों जिले प्रदेश में सबसे अधिक पिछड़े हुए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो देहरादून में एक हजार पुरुषों के सापेक्ष 896 महिला मतदाता हैं तो वहीं हरिद्वार में एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 874 महिला मतदाता हैं।

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हुए हैं। राज्य में नई जनगणना तो नहीं हुई है, लेकिन 18 वर्ष से अधिक आयु की अनुमानित जनसंख्या तकरीबन 81.38 लाख है। यानी प्रदेश में इतने व्यक्ति मतदाता बनने के योग्य हैं। इनके सापेक्ष एक नवंबर को जारी अनंतिम मतदाता सूची के अनुसार इनमें से 78.46 लाख ही मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। इनमें 4087018 पुरुष और 375892 महिला मतदाता हैं।

प्रतिशत में देखा जाए तो कुल पात्र पुरुष मतदाताओं की संख्या 99.20 प्रतिशत और कुल पात्र महिला मतदाताओं की संख्या 93.51 प्रतिशत है। इन आंकड़ों से एक बात यह साफ होती है कि प्रदेश में अभी तक पात्र महिलाएं मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने में आगे नहीं आ रही हैं। मतदाता लिंगानुपात में भी यह आसानी से देखा जा सकता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो रुद्रप्रयाग मात्र एक ऐसा जिला है, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। यहां एक हजार पुरुषों के सापेक्ष 1024 महिला वोटर हैं। शेष जिलों में यह आंकड़ा कम है।

रुद्रप्रयाग के बाद पिथौरागढ़ एक ऐसा जिला है, जहां एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 999 महिलाएं हैं। पिथौरागढ़ में एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 967, चमोली में 955 और पौड़ी में यह आंकड़ा 954 है। यहां देखने वाली बात यह है कि उच्च मतदाता लिंगानुपात वाले सारे जिले पर्वतीय हैं। बात करें मैदानी जिलों की तो देहरादून में एक हजार पुरुष मतदाताओं के सापेक्ष 896, हरिद्वार में 894, ऊधमसिंह नगर में 908 और नैनीताल में 913 है।

महिला मतदाताओं की कम संख्या को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग इन्हें जागरूक करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जन जागरूकता अभियान के साथ ही मतदाता बनाने के लिए लगातार शिविर भी लगाए जा रहे हैं।

राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का कहना है कि मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार अभियान चलाया जाएगा। इसी कड़ी में तो जागरूकता वाहन गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के लिए रवाना किए गए हैं।

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