भाजपा के एक विधायक ने बदला पाला, दूसरा निर्दल ठोकेगा ताल; क्या बाकी नौ को मना पाएगी पार्टी?

Uttarakhand Vidhan Sabha Election 2022 भाजपा ने अपने जिन 11 विधायकों के टिकट काटे उनमें से नौ को साधने में पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी। दो विधायकों में एक ने पालाबदल कर लिया तो दूसरे ने चुनाव मैदान में निर्दल ताल ठोकने का एलान किया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 28 Jan 2022 08:48 AM (IST) Updated:Fri, 28 Jan 2022 08:48 AM (IST)
भाजपा के एक विधायक ने बदला पाला, दूसरा निर्दल ठोकेगा ताल; क्या बाकी नौ को मना पाएगी पार्टी?
Uttarakhand Election 2022: भाजपा के एक विधायक ने बदला पाला, दूसरा निर्दल ठोकेगा ताल।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Vidhan Sabha Election 2022 विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भाजपा ने अपने जिन 11 विधायकों के टिकट काटे हैं, उनमें से नौ को साधने में पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। दो विधायकों में एक ने पालाबदल कर लिया है तो दूसरे ने स्वयं का संगठन बनाकर चुनाव मैदान में निर्दल ताल ठोकने का एलान किया है। शेष रह गए नौ विधायकों से संवाद के लिए प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ ही सांसद और पूर्व मुख्यमंत्रियों को मोर्चे पर लगाया गया है। इसके सकारात्मक परिणाम भी आए हैं। टिकट कटने से नाराज हुए विधायकों के सुर नरम पड़े हैं।

भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को कई दौर के सर्वे के साथ ही विधानसभा क्षेत्रों से मिले फीडबैक को आधार बनाया। इस कसरत के बाद पार्टी ने 11 विधायकों मुन्नी देवी (थराली), सुरेंद्र सिंह नेगी (कर्णप्रयाग), मुकेश कोली (पौड़ी), मीना गंगोला (गंगोलीहाट), बलवंत सिंह भौंर्याल (कपकोट), महेश सिंह नेगी (द्वाराहाट), रघुनाथ सिंह चौहान (अल्मोड़ा), देशराज कर्णवाल (झबरेड़ा), राजकुमार ठुकराल (रुद्रपुर), नवीन चंद्र दुम्का (लालकुंआ) व धन सिंह नेगी (टिहरी) के टिकट काट दिए। इसके साथ ही पार्टी ने खानपुर से विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के स्थान पर उनकी पत्नी कुंवरानी देवयानी सिंह और काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा के स्थान पर उनके पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को प्रत्याशी बनाया है।

इस बीच टिकट कटने से 11 विधायकों में स्वाभाविक तौर पर नाराजगी के सुर भी उभरे। इनमें से टिहरी से विधायक धन सिंह नेगी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया, जबकि रुद्रपुर से विधायक राजकुमार ठुकराल ने स्वयं का संगठन बनाकर निर्दल चुनाव में ताल ठोकने का एलान कर दिया। यद्यपि, शेष नौ विधायकों को साधने में पार्टी नेतृत्व 20 जनवरी से निरंतर जुटा हुआ है। इसका परिणाम ये रहा कि आठ विधायकों के सुर नरम पड़े हैं, जबकि लालकुंआ के विधायक नवीन चंद्र दुम्का से बातचीत का दावा किया जा रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा, जिन विधायकों के टिकट कटे, पार्टी लगातार उनके संपर्क में है। नौ विधायक न तो पार्टी प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लड़ेंगे और न किसी दूसरे दल में जाएंगे। टिकट कटने पर नाराजगी का भाव स्वाभाविक है। सभी को मना लिया जाएगा और वे भाजपा की जीत सुनिश्चित करने को जी-जान से जुटेंगे।

टिकट से वंचित भाजपा विधायक बोले

झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल बोले मैं पार्टी का निष्ठावान सिपाही हूं। मेरा टिकट गलत तरीके से काटा गया है। मुझे टिकट नहीं देना था तो तो मेरी पत्नी को टिकट दिया जाना चाहिए था। पार्टी हाईकमान ने उन्हें चुनाव की तैयारियों के लिए कह भी दिया था। सरकारी सेवा से त्यागपत्र देकर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था। अचानक दूसरी पार्टी से आए व्यक्ति को टिकट देकर अच्छा नहीं किया गया। समर्थक लगातार दबाव बना रहे हैं, पर मैं पार्टी के साथ हूं। टिकट नहीं देने का मलाल है।

पौड़ी के विधायक मुकेश कोली ने कहा, मेरा पौड़ी विधान सभा सीट पर टिकट कटा नहीं परिवर्तित हुआ है। वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने मुझे टिकट दिया और मैंने जीत दर्ज की। इस बार शीर्ष नेतृत्व ने देशकाल और परिस्थिति को देखते हुए दूसरे दावेदार को टिकट दिया। मैं तो पार्टी का सेवक हूं। फिर से भाजपा सरकार बनाने के लिए कार्य करेंगे।

वहीं, कर्णप्रयाग से विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा, मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसके चलते भाजपा हाईकमान का निर्णय उचित है। उनकी किसी से कोई नाराजगी नहीं है। आने वाले दिनों में पार्टी प्रत्याशी अनिल नौटियाल के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे। इससे सरकार और पार्टी की लाभकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

कपकोट विधायक बलवंत सिंह भौर्याल ने कहा कि मैंने पहले ही चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी। पार्टी का निर्णय सर्वमान्य होना चाहिए। संगठन को आगे बढ़ाने का काम करता रहूंगा। साथ ही चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के लिए काम कर रहा हूं। अभी भी गांवों में हूं। पार्टी से किसी भी प्रकार की नाराजगी नहीं है।

थराली विधायक मुन्नी देवी ने का, सांसद तीरथ सिंह रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से दूरभाष पर वार्ता हुई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भाजपा सरकार बनने पर सम्मानजनक पद दिया जाएगा। मुझ पर समर्थकों का दबाव था कि चुनाव लडूं, लेकिन पार्टी नेताओं से बात होने के बाद अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का इरादा टाल दिया है।

टिहरी विधायक धन सिंह नेगी का कहना है कि मैंने भाजपा विधायक के तौर पर पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा विकास कार्य किए। मेरा रिकार्ड उठाकर आप देख सकते हैं, लेकिन भाजपा ने मेरे साथ धोखा किया। बाहरी प्रत्याशी को टिहरी सीट से टिकट दे दिया, जिससे कार्यकर्त्ताओं का मनोबल कम हुआ है। इसलिए मैंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है। अब कांग्रेस के टिकट पर टिहरी विधानसभा से चुनाव लड़ रहा हूं।

द्वाराहाट से विधायक महेश नेगी का कहना है कि पार्टी के निर्णय का स्वागत है। मैं यहां से विधायक रहा और इस बार टिकट का प्रबल दावेदार था। पार्टी ने टिकट जिस प्रत्याशी को दिया है, अब उसे जिताने के लिए कार्य कर रहा हूं। मेरी पार्टी से किसी प्रकार की नाराजगी नहीं है।

वहीं, अल्मोड़ा से विधायक रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा, पार्टी ने पूरा सम्मान दिया है। पांच बार पार्टी का टिकट दिया है। मैं पूर्ण मनोयोग से पार्टी की सेवा कर रहा हूं। किसी पद से इस्तीफा नहीं दिया है। मन में एक ही टीस थी, टिकट फाइनल करते वक्त एक बार मुझसे भी राय मशविरा कर लेते। मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। पार्टी ने जो निर्णय लिया है, उसका सम्मान किया जाएगा।

लालकुंआ विधायक नवीन दुम्का का कहना है कि टिकट वितरण से कार्यकत्र्ता और आम जन निराश होने के साथ ही आश्चर्यचकित है। क्षेत्र के लोग लगातार आवास पर आ रहे हैं। कुछ लोग चुनाव लडऩे की सलाह दे रहे हैं। मैं सभी की बात सुन रहा हूं। इस पर मनन के बाद अपने विवेक से अगला निर्णय लूंगा।

विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा, जनता ने मुझे निर्दल चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए मैं तैयार हूं। कुछ व्यक्तियों ने साजिश के तहत फर्जी आडियो के जरिये मुझे बदनाम करने की कोशिश की और टिकट कटवा दिया। साजिश रचने वालों को चुनावी समर में उतर कर सबक सिखाऊंगा।

गंगोलीहाट से विधायक मीना गंगोला कहती हैं, भाजपा ने इस बार मुझे प्रत्याशी नहीं बनाया है। वर्ष 2017 में भाजपा ने मुझे सम्मान दिया, विधायक बनाया। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। भाजपा प्रत्याशी को विजय दिलानी है। मैंने क्षेत्र में विकास किया है। पार्टी को इसका लाभ मिलेगा। गंगोलीहाट में प्रत्याशी की जीत के साथ ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी।

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