उत्तराखंड को 2025 तक सशक्त बनाने के मोर्च पर जुटे मुख्यमंत्री, कहा- विकास लक्ष्य की प्राप्ति में जुटें विभाग

उत्तराखंड को 2025 तक सशक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन से मोर्चा संभाल लिया। कहा कि सभी विभागों की शीघ्र 31 मार्च 2024 तक की कार्ययोजना लक्ष्य एवं राजस्व वृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा होगी।

By Ravindra kumar barthwalEdited By: Publish:Sun, 02 Apr 2023 07:38 AM (IST) Updated:Sun, 02 Apr 2023 07:38 AM (IST)
उत्तराखंड को 2025 तक सशक्त बनाने के मोर्च पर जुटे मुख्यमंत्री, कहा- विकास लक्ष्य की प्राप्ति में जुटें विभाग
Pushkar Singh Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन शनिवार से मोर्चा संभाल लिया।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सशक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन शनिवार से मोर्चा संभाल लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए विभागों को दिए गए लक्ष्यों की नियमित समीक्षा होगी।

राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने को वर्ष 2030 तक विभिन्न गतिविधियां आधारित कार्यों से पांच लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने नए पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों को विकसित करने और अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शनिवार को वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को सशक्त बनाने के लिए विभागवार बनाई गई कार्ययोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि विभागों को निर्धारित लक्ष्य पूरा करने को धरातल पर कार्य करने के साथ भविष्य की कार्ययोजना में तेजी लानी होगी। सभी विभागाध्यक्ष अगले दो वर्षों में विकास लक्ष्य पूरा करेंगे। दीर्घकालिक और अल्पकालिक कार्ययोजना को पूरे मनोयोग के साथ धरातल पर उतारा जाए।

विभागीय कार्ययोजना की होगी समीक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि नया वित्तीय वर्ष प्रारंभ हो चुका है। सभी विभागों की शीघ्र 31 मार्च, 2024 तक की कार्ययोजना, लक्ष्य एवं राजस्व वृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की जाएगी।

पर्वतीय जिलों में आय वृद्धि के लिए स्थानीय निवासियों की आजीविका सुधार पर ध्यान देना होगा। इसमें सेक्टरवार तेजी लानी होगी। राजस्व वृद्धि वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए। वर्ष 2025 तक उपलब्धियों को प्राप्त करने के उद्देश्य पर कार्य किया जाना चाहिए।

पर्यटन, कृषि, उद्यान में रोजगार की संभावनाएं

धामी ने कहा कि पर्यटन, कृषि, उद्यान और उद्योग का क्षेत्र संभावनाओं से भरा हुआ है। इन क्षेत्रों में वर्ष 2030 तक बेहतर काम होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य की जीडीपी में तेजी से वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र में नए पर्यटक और धार्मिक स्थल विकसित किए जाएं, ताकि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु, गढ़वाल के साथ कुमाऊं के नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकें। पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न सर्किट के माध्यम से प्रदेश को जोडऩे के निर्देश उन्होंने दिए।

30 हजार किसानों की आय में होगी 10 गुना वृद्धि

बैठक में प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य में प्रति वर्ष एक करोड़ पर्यटक एवं श्रद्धालुओं का आगमन हो, इसके लिए व्यापक कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। राज्य में नए पर्यटक व धार्मिक स्थलों को विकसित करने के साथ अवस्थापना सुविधा के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

होम स्टे को तेजी से बढ़ावा दिया जाएगा। 2030 तक सेब की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने 1500 से 2000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश करने का लक्ष्य रखा है। इससे 2500 करोड़ की जीडीपी बढऩे का अनुमान है। साथ में लगभग 30 हजार किसानों की आय में 10 गुना तक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।

सेब और कीवी मिशन पर हो कार्य

मुख्यमंत्री ने राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और प्रयासों की आवश्यकता व्यक्त की। उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के निर्देश दिए। सेब और कीवी मिशन पर तेजी से कार्य करने और पर्वतीय क्षेत्रों में सगंध पौधों की खेती को बढ़ावा देने पर बल दिया।

उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में डिग्री कोर्स के अतिरिक्त कौशल विकास से संबंधित डिप्लोमा कोर्स संचालित करने को कहा। राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने को नीतियों के सरलीकरण के निर्देश दिए गए।

बैठक में मुख्य सचिव डा एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बद्र्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, डा पंकज कुमार पांडेय, विजय कुमार यादव, एसएन पांडेय, यूकास्ट महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत, मैकेंजी से सीनियर पार्टनर अमित खेर, अभिषेक बावेल व अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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