डिग्री शिक्षकों की भर्ती में ऊपरी आयु सीमा की बाध्यता खत्म
सरकारी डिग्री कॉलेजों में शिक्षक बनने का ख्वाब देख रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी। शिक्षक भर्ती में 42 वर्ष आयु सीमा की बाध्यता सरकार ने खत्म कर दी है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सरकारी डिग्री कॉलेजों में शिक्षक बनने का ख्वाब देख रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी। शिक्षक भर्ती में 42 वर्ष आयु सीमा की बाध्यता सरकार ने खत्म कर दी है। शिक्षकों के पदों पर भर्ती यूजीसी के मानकों के अनुरूप होगी। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ रणबीर सिंह ने आदेश जारी किए हैं।
सरकारी डिग्री कॉलेजों को इस आदेश के लिए आठ महीने इंतजार करना पड़ा है। दरअसल, सरकार ने राज्य में सरकारी कार्मिकों की भर्ती के लिए आयु सीमा 42 वर्ष निर्धारित की है। इस व्यवस्था को उच्च शिक्षा में भी लागू किया।
इस वजह से सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों और सरकारी डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती में ऊपरी आयु सीमा तय किए जाने को यूजीसी के मानकों का उल्लंघन मानते हुए विरोध किया गया। इसके चलते बीते वर्ष अक्टूबर माह में शासन ने आदेश जारी कर सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों में 42 वर्ष आयु सीमा की बाध्यता खत्म कर यूजीसी के मानकों के मुताबिक शिक्षकों की भर्ती को हरी झंडी दिखा दी थी।
सरकारी डिग्री कॉलेजों के संबंध में यह आदेश अब जारी किया गया है। इससे इन कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती अब यूजीसी के मानकों के मुताबिक होगी। इसमें ऊपरी आयु सीमा की बाध्यता खत्म कर दी गई है।
उधर, डिग्री कॉलेजों में ऊपरी आयु सीमा की बाध्यता खत्म किए जाने को लेकर मुहिम चला रहे भाजपा नेता रवींद्र जुगरान ने इस आदेश को उच्च शिक्षा और शिक्षकों के हित में बताया। उन्होंने कहा कि इससे डिग्री कॉलेजों में अनुभवी और पात्र शिक्षकों की भर्ती और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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