उत्तराखंड में इन पांच नदियों में खनन को केंद्र पर निगाह, जानिए

उत्तराखंड की पांच नदियों में खनन के लिए निगाहें अब केंद्र सरकार पर टिक गई हैं। इनमें से दो नई नदियों में खनन शुरू करने का प्रस्ताव है जबकि दो की फॉरेस्ट क्लीयरेंस (एफसी) का नवीनीकरण होना है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 02:46 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 02:46 PM (IST)
उत्तराखंड में इन पांच नदियों में खनन को केंद्र पर निगाह, जानिए
उत्तराखंड में इन पांच नदियों में खनन को केंद्र पर निगाह, जानिए।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड की पांच नदियों में खनन के लिए निगाहें अब केंद्र सरकार पर टिक गई हैं। इनमें दो नई नदियों में खनन शुरू करने का प्रस्ताव है, जबकि दो की फॉरेस्ट क्लीयरेंस (एफसी) का नवीनीकरण होना है। इसके अलावा गंगा की सहायक रवासन नदी की दो लॉट में खनन की अवधि बढ़ाई जानी है। राज्य वन्यजीव बोर्ड इन प्रस्तावों पर मुहर लगा चुका है। अब केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को इनके बारे में फैसला करना है।

राज्य में आरक्षित वन क्षेत्रों से गुजरने वाली नदियों में रेत, बजरी व बोल्डर के खनन का जिम्मा उत्तराखंड वन विकास निगम के पास है। विभिन्न नदियों में निगम वैज्ञानिक ढंग से खनन करा रहा है। इस बीच बात सामने आई कि देहरादून जिले में सौंग और जाखन नदियों की पांच लॉट में खनन के लिए निगम को 10 साल के लिए पूर्व में मिली फॉरेस्ट क्लीयरेंस (एफसी) व एनवायरनमेंट क्लीयरेंस (ईसी) खत्म हो गई है। ऐसे में इस वर्ष अभी तक इनमें कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इनकी एफसी व ईसी तैयार की जा रही है। इसके साथ निगम ने सौंग नदी में भोपालपानी में एक नई लॉट के लिए भी ऐसी कसरत चल रही है। ऋषिकेश के नजदीक चंद्रभागा नदी में शिवपुरी क्षेत्र और कालाढूंगी में तल निहाल नदी में खनन खोलने के मद्देनजर कवायद चल रही है।

यही नहीं, गंगा की सहायक नदी रवासन की एक व दो लॉट में खनन की अवधि पूर्व में मार्च तक ही दी गई थी, जबकि अन्य नदियों में मई व 15 जून तक खनन कार्य होता है। ऐसे में निगम ने रवासन में खनन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। हाल में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इन सभी प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। अब इन्हें अनुमोदन के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जाएगा। इसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्रालय अनुमति जारी करेगा। ऐसे में निगम की निगाह केंद्र पर टिकी हैं।

निगम के प्रबंध निदेशक विनोद सिंघल ने उम्मीद जताई कि नए वर्ष में उक्त नदियों में खनन की अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कुमाऊं मंडल की कोसी, दाबका व शारदा नदियों की एफसी 2023 तक है, जबकि ईसी अगले वर्ष समाप्त हो रही है। वन्यजीव बोर्ड ने इन नदियों की ईसी 2023 तक बढ़ाने पर सहमति दी है। अब इस संबंध में भी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय फैसला लेगा।

सोरना में दिसंबर पहले हफ्ते से शुरू होगा खनन

वर्तमान में देहरादून जिले में निगम के अंतर्गत सभी नदियों में खनन बंद है। इस बीच केंद्र से सोरना नदी में खनन की अनुमति जारी हुई। शासन भी इस बारे में आदेश कर चुका है। निगम के प्रबंध निदेशक के अनुसार अब देहरादून के डीएम और फिर डीएफओ आदेश जारी करेंगे। कोशिश ये है कि दिसंबर के पहले हफ्ते से सोरना में खनन शुरू करा दिया जाए।

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