बेरोजगार युवाओं ने दून में भरी हुंकार

उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के बेरोजगार युवा मंगलवार को दून में प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Dec 2018 08:01 PM (IST) Updated:Tue, 04 Dec 2018 08:01 PM (IST)
बेरोजगार युवाओं ने दून में भरी हुंकार
बेरोजगार युवाओं ने दून में भरी हुंकार

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के बेरोजगार युवाओं ने दून में हुंकार भरी। मंगलवार को उन्होंने परेड मैदान से विधानसभा कूच किया। पर पुलिस ने उन्हें रिस्पना पुल से पहले ही बेरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिस पर युवा वहीं धरने पर बैठ गए। वह मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग पर अड़े रहे। बाद में एसडीएम मीनाक्षी पटवाल ने बेरिकेडिंग पर पहुंचकर उनसे बात की। वह सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए विधानसभा ले गईं। तब जाकर युवाओं ने धरना समाप्त किया।

संगठन के संरक्षक कमलेश भट्ट ने कहा कि प्रदेश में हर साल बेरोजगार युवाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। जिन युवाओं के हाथों में पढ़ने के लिए किताबें होनी चाहिए, वह आदोलन को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि तमाम विभागों में उपनल व आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती की जा रही है। इनमें भी ज्यादातर भर्तिया पहुंच और पैसे वालों की होती हैं। बाद में यही लोग नियमितीकरण की माग करते हैं। भंट्ट ने कहा कि राज्य में सीधी भर्तियां की जाएं। यदि संविदा पर पद भरे जाते हैं तो चयन बोर्ड के माध्यम से विधिवत प्रक्रिया अपनाई जाए। अध्यक्ष दीपक डोभाल ने कहा कि यह विडंबना है कि उत्तराखंड में भर्तिया न्यायालय के आदेश पर शुरू और न्यायालय के आदेश पर ही खत्म होती हैं। कहा कि भर्तियों के लिए कैलेंडर जारी किया जाए और सबयबद्ध ढंग से भर्तिया संपन्न की जाएं। सचिव अजय शर्मा ने तमाम परीक्षाओं में गड़बड़ी का मामला उठाते हुए इनमें पारदर्शी व्यवस्था अपनाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माग की। इस दौरान विनोद राणा, नरेश चौहान, अमित, संदीप नेगी, मेहर सिंह राणा, अमित चौहान, प्रदीप कुमार, सुनील डोभाल, मंजू जोशी आदि उपस्थित रहे। यह रखी मांगें

- फॉरेस्ट गार्ड के 1218 पदों पर भर्ती पिछले दो साल से लटकी है। इसके लिए करीब दो लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अब 500 पद आउटसोर्सिग से भरे जाने की बात की जा रही है, जो अभ्यर्थियों के साथ धोखा है।

- उद्यान विभाग के पर्यवेक्षक व निरीक्षक पद की भर्ती भी लटकी हुई है। दो बार तिथि घोषित होने के बाद भी परीक्षा नहीं कराई गई है।

- ग्रुप-सी के विभिन्न सरकारी विभागों में काफी पद रिक्त हैं। कई पदों पर सरकारी घोषणा के बावजूद प्रक्रिया लंबित है।

- प्रवक्ता पदों के लिए साक्षात्कार को समाप्त किया जाए। उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के बावजूद व्यवस्था लागू नहीं की जा रही है।

- जल निगम में जूनियर इंजीनियर के पदों पर सीधी भर्ती की जाए।

- वीपीडीओ में सीसीसी+ की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।

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