गोसदन, होम-स्टे पर भी मेहरबान हुआ यूईआरसी

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने गोसदन गोशाला और होम स्टे को घरेलू श्रेणी में कर दिया है। पहले ये सभी व्यावसायिक श्रेणी में आते थे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Feb 2019 07:44 PM (IST) Updated:Wed, 27 Feb 2019 07:44 PM (IST)
गोसदन, होम-स्टे पर भी मेहरबान हुआ यूईआरसी
गोसदन, होम-स्टे पर भी मेहरबान हुआ यूईआरसी

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने गोसदन, गोशाला और होम स्टे को बड़ी राहत दी है। पहले यह सभी व्यवसायिक श्रेणी के अंतर्गत आते थे, लेकिन अब इन्हें घरेलू श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। 200 यूनिट प्रतिमाह तक खर्च करने वाले सभी गोशाला और गोसदन अब घरेलू श्रेणी में आएंगे। जबकि नगर क्षेत्र को छोड़कर प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना के तहत पंजीकृत होम-स्टे को भी घरेलू श्रेणी में शामिल किया गया है।

विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2019-20 के लिए जारी बिजली दरों में कई अहम बदलाव किए हैं। जिसमें गोशाला व गोसदन के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास हो-स्टे के उपभोक्ताओं को भी इस बार बड़ी राहत प्रदान की गई है। वर्तमान में चाहे छोटे गोशाला हों या गोसदन उन्हें व्यवसायिक श्रेणी में आते हैं, लेकिन अब उन्हें घरेलू श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। कोई भी गोशाला व गोसदन जिनका लोड दो किलोवाट तक है और वह 200 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपयोग कर रहा हो उन्हें यह लाभ मिला। इससे अधिक लोड वाले पूर्व की भांति व्यवसायिक श्रेणी में ही रहेंगी। स्टे-होम योजना के तहत बन रहे घरों, होटलों को भी घरेलू श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। अलबत्ता वह नगर निगम क्षेत्र में शामिल न हो और उसमें एक से लेकर छह तक कमरे हों। इसमें एक शर्त यह भी रखी गई है कि मालिक का उसी घर या होटल में रहना अनिवार्य है, जिसको वह स्टे-होम के तहत उपयोग कर रहा हो। साथ वह योजना के तहत पंजीकृत हो। इस राहत के बाद होम-स्टे योजना को पंख लगने के आसार बन गए हैं।

chat bot
आपका साथी