पावर हाउस की टनल में पेंट कर रहे दो श्रमिक लापता, तलाश में जुटी पुलिस और एसडीआरएफ

देहरादून से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित छिबरो पावर हाउस की टनल में रंगाई का काम करने गए दो श्रमिक शनिवार से लापता हैं। पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम लापता श्रमिकों की तलाश में जुटी है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 03:58 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 11:22 PM (IST)
पावर हाउस की टनल में पेंट कर रहे दो श्रमिक लापता, तलाश में जुटी पुलिस और एसडीआरएफ
देहरादून जिले के विकासनगर स्‍थति छिबरो पावर हाउस की टनल में काम करने गए दो श्रमिक लापता हो गए।

संवाद सूत्र, कालसी (देहरादून) : देहरादून से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित छिबरो पावर हाउस की टनल में रंगाई का काम करने गए दो श्रमिक शनिवार से लापता हैं। पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम लापता श्रमिकों की तलाश में जुटी है। इस बीच श्रमिकों के स्वजन ने पावर हाउस के गेट के बाहर हंगामा किया। उनका आरोप है कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम व ठेकेदार ने श्रमिकों को सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराई।

देहरादून जिले की कालसी तहसील के तहत पडऩे वाले छिबरो पावर हाउस में इन दिनों रंग-रोगन का काम किया जा रहा है। यह कार्य ठेके पर दिया गया है। पावर हाउस का संचालन उत्तराखंड जल विद्युत निगम करता है। पुलिस के अनुसार शनिवार को सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) के कलेथा गांव का रहने वाला सीताराम, देहरादून जिले के सराडी गांव के थेपाराम और सीताराम टनल में रंग रोगन करने गए थे। कलेथा गांव का सीताराम और उसके साथ काम कर रहा थेपाराम शाम को घर नहीं पहुंचे तो स्वजन ने ग्रामीणों के साथ तलाश शुरू की। रात को ये लोग पावर हाउस भी पहुंचे, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

रविवार सुबह स्वजन एक बार फिर पावर हाउस पहुंचे। पता चला कि उनके साथ सराडी गांव का सीताराम भी था। इस पर ग्रामीण सीताराम से मिले। सीताराम ने बताया कि टनल में काम करते हुए पेंट की गंध से उसे तबीयत खराब होने का एहसास हुआ। तब तक उसके दोनों साथी वहां काम कर रहे थे। इस पर वह टनल से बाहर आ गया। उसने कुछ देर आराम किया और फिर घर लौट गया।

इस जानकारी के बाद स्वजन और ग्रामीणों ने निगम प्रबंधन और ठेकेदार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना पर विकासनगर की एसडीएम संगीता कन्नौजिया और सीओ वीडी उनियाल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस बीच उत्तराखंड जल विद्युत निगम के महाप्रबंधक (यमुना वैली) विपिन बिहारी ङ्क्षसघल भी वहां आ गए। ग्रामीण पावर हाउस के भीतर जाने की जिद कर रहे थे। वे वहीं धरने पर बैठ गए। ये लोग अधिकारियों और संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। आरोप लगाया कि ठेकेदार ने लापता श्रमिकों की सूचना स्वजन को नहीं दी। अफसरों के समझाने पर ग्रामीण शांत हुए।

सीओ वीडी उनियाल ने बताया कि एसडीआरएफ और पुलिस संयुक्त रूप से सर्च अभियान चला रही है। हादसे का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है। ऐसे में अभी यह कहना संभव नहीं है कि क्या हुआ होगा। सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है। श्रमिकों के टनल के नीचे टरबाइन वाले हिस्से में गिरने की आशंका जताई जा रही है।

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