शिक्षा मित्र आंदोलन पर अडिग, शिक्षा मंत्री ने दिया दो दिन का अल्टीमेटम

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि आंदोलित शिक्षा मित्रों को दो दिन का वक्त दिया गया है। यदि इस अवधि में वे स्कूलों में नहीं लौटे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 16 Aug 2018 10:40 AM (IST) Updated:Thu, 16 Aug 2018 05:39 PM (IST)
शिक्षा मित्र आंदोलन पर अडिग, शिक्षा मंत्री ने दिया दो दिन का अल्टीमेटम
शिक्षा मित्र आंदोलन पर अडिग, शिक्षा मंत्री ने दिया दो दिन का अल्टीमेटम

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शिक्षा मित्रों के आंदोलन को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि आंदोलित शिक्षा मित्रों को दो दिन का वक्त दिया गया है। यदि इस अवधि में वे स्कूलों में नहीं लौटे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा मंत्री पांडेय ने कहा कि यदि आने वाले समय में भी शिक्षा से इतर और मांगों के लिए मुखर होने की परिपाटी जारी रहेगी तो इसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। सरकार कठोरतम कार्रवाई करेगी, जिसके लिए संबंधित खुद जिम्मेदार होंगे। इधर, मंगलवार को शिक्षा मित्रों की सचिव विद्यालयी शिक्षा भूपिंदर कौर औलख से वार्ता हुई। जिसमें शिक्षा मित्रों को बताया गया कि एनसीटीई अधिनियम में दी गई व्यवस्था व सुप्रीम कोर्ट में पारित निर्णय के अनुपालन में सहायक अध्यापक प्राथमिक के पदों पर नियुक्ति के लिए डीएलएड के साथ टीईटी उत्तीर्ण करना आवश्यक है। ऐसे में संबंधित शिक्षा मित्र टीईटी परीक्षा में सम्मलित हो सकते हैं। विभाग ने उनके आंदोलन पर सख्त रुख अख्तियार करते कहा कि उच्च न्यायालय के पारित निर्णय के अनुपालन में शिक्षकों के पठन-पाठन से विरत रहने पर एस्मा के तहत कार्रवाई के निर्देश हैं। ऐसे में वह तुरंत हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें।

शिक्षा मित्र आंदोलन पर अडिग 

शिक्षा मंत्री व विभाग के बाद भी शिक्षा मित्र आंदोलन पर अडिग हैं। उनका कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, वह पीछे हटने वाले नहीं हैं। शिक्षा मित्र क्रांतिकारी महासंघ के अध्यक्ष पूर्ण सिंह राणा का निदेशालय पर आमरण अनशन मंगलवार को 9वें दिन भी जारी रहा। उनके स्वास्थ्य में अब काफी गिरावट आ चुकी है। राणा ने कहा कि उन सभी की नियुक्ति 2007 से पहले की है। उच्च न्यायालय से भी उनके समायोजन के संदर्भ में निर्णय हो चुका है। फिर भी विभाग व सरकार मामले को बिना वजह उलझा रहे हैं। जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि इस मामले का शीघ्र समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने पूर्व में डीएलएड प्रशिक्षितों की भांति वर्तमान 900 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति देने की मांग की। शिक्षा मंत्री के नियमों के आधार पर समस्या का हल तलाशने के बयान का स्वागत करते उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सरकार इस ओर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी। इस दौरान हरि नेगी, भगवान सिंह गुसाईं, प्रवीण कुमार, चित्रा राणा, संध्या आदि मौजूद रहे।

परिषदीय परीक्षा मूल्यांकन में गलती पर शिक्षकों को राहत

परिषदीय परीक्षा मूल्यांकन में मानवीय भूल से हुई त्रुटि के कारण शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कुछ नरमी दिखाई है। मंगलवार को उन्होंने शिक्षकों को राहत देने के निर्देश दिए। यह मांग राजकीय शिक्षक संघ के मांगपत्र में भी शामिल थी। परिषदीय परीक्षा मूल्यांकन में गलती पर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया था। इन शिक्षकों की तीन वेतन वृद्धि व अन्य लाभ रोक दिए गए। जिसे लेकर राजकीय शिक्षक संघ कई बार आपत्ति दर्ज करा चुका था। संगठन की मांगों में एक मांग यह भी शामिल थी कि परिषदीय परीक्षा में मूल्यांकन में मानवीय भूल से हुई त्रुटि में वेतनवृद्धि रोकने का निर्णय वापस लिया जाए। मंगलवार को शिक्षा मंत्री ने विभाग को इस बावत निर्देश दे दिए। इन शिक्षकों की एक वेतन वृद्धि  रोकते हुए भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। शिक्षा मंत्री के इस कदम से कुछ हद तक ही सही शिक्षकों को राहत मिलने के आसार हैं।

राज्य निगम कर्मचारी महासंघ की रैली 17 को

13 सूत्री मांगों को लेकर राज्य निगम कर्मचारी महासंघ 17 अगस्त को परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास तक रैली निकालेगा।मंगलवार को गांधी रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष संतोष रावत की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जल संस्थान कर्मचारी संगठन, वन विकास निगम कर्मचारी संगठन, गढ़वाल मंडल विकास निगम कर्मचारी संगठन, उत्तराखंड रोडवेज इंपलाइज यूनियन, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम कर्मचारी संगठन, अल्प संख्यक कर्मचारी संगठन, उत्तराखंड विकास प्राधिकरण कर्मचारी संगठन, जिला पंचायत कर्मचारी महासंघ, निकाय कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से पूर्व से लंबित 13 सूत्री मांगों को लेकर 17 अगस्त को परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास तक निकलने वाली रैली को लेकर चर्चा की। बैठक में महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष गजेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष एसपी पंत, महासचिव रवि पचौरी, रमेश बिंजोला, रमेश नेगी, हरदेव सिंह, सुनील पुंडीर समेत अन्य मौजूद रहे।

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