यतीन ने ही मारी थी खुद को गोली, साक्ष्य मिटाने में दो गिरफ्तार

बागेश्वर निवासी यतीन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने दावा किया है कि उसने खुद को गोली मारी थी। साक्ष्य छिपाने के आरोप में पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 30 Nov 2017 10:58 AM (IST) Updated:Thu, 30 Nov 2017 09:02 PM (IST)
यतीन ने ही मारी थी खुद को गोली, साक्ष्य मिटाने में दो गिरफ्तार
यतीन ने ही मारी थी खुद को गोली, साक्ष्य मिटाने में दो गिरफ्तार

देहरादून, [जेएनएन]: बागेश्वर निवासी यतीन की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने दावा किया है कि उसने खुद को गोली मारी थी। न्यू एम्पायर सिनेमा के पास स्थित दून व्यू होटल से पुलिस ने यतीन का बैग भी बरामद कर लिया। इसमें दो तमंचे और सुसाइड नोट मिले हैं। साथ ही दून व्यू होटल के कमरे में खून के धब्बे और खून से सनी रजाई भी पुलिस ने बरामद कर ली है।

मामले में दून व्यू होटल के दो कर्मचारियों को पुलिस ने साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि इन दोनों कर्मचारियों ने ही सोमवार भोर में अपने तीसरे साथी की मदद से शव को कमरे से निकाल कर सड़क पर फेंक दिया था। तीसरा आरोपी फरार है। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने बताया कि यतीन ने खुद अपने सिर पर गोली मारकर खुदकुशी की थी। हालांकि, पुलिस पहले यह मान रही थी कि यतीन की हत्या की गई है, लेकिन आसपास के होटल की तलाशी और एटीएम के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से मिले सुरागों की कड़ी से कड़ी जोड़ी गई तो इस रहस्य से पर्दा उठ गया। 

बताया कि शनिवार को यतीन न्यू एम्पायर सिनेमा हॉल के पास और कंफर्ट लॉज के ठीक सामने स्थित दून व्यू होटल में पहुंचा। यहां उसने बिना गेस्ट रजिस्टर में इंट्री किए ढाई सौ रुपये में कमरा नंबर सात लिया। अगले दिन रविवार को दोपहर बाद तक यतीन कमरे से बाहर नहीं आया। 

रविवार शाम चार बजे होटल का सहायक मैनेजर राजकुमार पुत्र रामनरेश निवासी ग्राम नजर अलीकापुरा सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) व शत्रुघ्न पुत्र लाल बहादुर निवासी ग्राम हसुवा सुरमन थाना जगदीशपुर सुल्तानपुर उससे रविवार का किराया लेने पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। शाम साढ़े चार बजे फिर दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई।

रात 11 बजे के करीब दोनों ने रोशनदान से अंदर झांका तो यतीन खून से लथपथ कमरे में पड़ा था। बेड पर रजाई खून से सनी हुई थी और दीवारों पर भी खून के छींटे बिखरे हुए थे। इसके बाद राजकुमार और शत्रुघ्न ने अपने तीसरे साथी अखिल के साथ मिलकर कमरा खोला और यतीन के शव को भोर में तीन से चार बजे के बीच होटल से बाहर लाकर कंफर्ट होटल के सामने फेंक दिया। उसके बाद कमरे की सफाई कर दी। 

एसएसपी ने बताया कि दरअसल, कंफर्ट होटल के आसपास पूछताछ में सामने आया था कि दून व्यू होटल की सोमवार की सुबह हर दिन की अपेक्षा समय से पहले विधिवत सफाई की गई है। इस क्लू के मिलने के बाद फोरेंसिक टीम को बुलाकर कमरों की जांच कराई गई तो कमरा नंबर सात में खून के निशान मिल गए। 

इसके बाद राजकुमार और शत्रुघ्न से सख्ती से पूछताछ की गई तो दोनों ने बताया कि यतीन को मरा देख वह डर गए थे, लिहाजा पुलिस को गुमराह करने के लिए उसके शव को सड़क पर फेंक दिया और उसके सामान को होटल की पानी की टंकी में छिपा दिया। दोनों की निशानदेही पर बुधवार को पुलिस ने यतीन का बैग भी बरामद कर दिया। बैग में से दो तमंचे और तीन जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद हुआ है। होटल कर्मियों का साथी अखिल सोमवार से ही फरार है, पुलिस टीम उसकी तलाश कर रही है। मामले में तीनों के विरुद्ध साक्ष्य छिपाने का अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। वारदात का खुलासा करने वाली 26 सदस्यीय टीम को एसएसपी ने ढाई हजार रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की है।

तो ड्रग्स के साइड इफेक्ट से डिप्रेशन में था यतीन

पुलिस को यतीन के बैग से सुसाइड नोट और डायरी भी मिली है। इसमें यतीन ने साफ-साफ तो नहीं लिखा है कि वह ड्रग्स का आदी हो चुका था।  उसने एक जिम संचालक का नाम और जिम में दिए जाने वाले सप्लीमेंट को लेकर कुछ ऐसी बातें लिखी हैं, जो इशारा करती हैं कि यतीन नशे के दलदल से बाहर आने के लिए छटपटा रहा था। उसके दुष्प्रभाव उसे परेशान करने लगे थे। 

मसलन जांच में यह भी बात सामने आई है कि बंगलुरू से सिर में अत्यधिक दर्द होने की वजह से वह नौकरी छोड़ कर यहां चला आया था। पुलिस यतीन के बार-बार एक-दो दिन के लिए दून आने की वजह भी इसे भी मान रही है। पुलिस का मानना है कि सप्लीमेंट की डोज की खातिर वह यहां अक्सर आता था। हालांकि इसके बारे में अभी पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं। वहीं यतीन के नोएडा में नौकरी करने के बारे में कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।

इन सवालों का जवाब नहीं ढूंढ पाई पुलिस

-जब यतीन ने खुद को गोली मारी होटल में मौजूद कर्मियों ने उस वक्त गोली चलने की आवाज क्यों नहीं सुनी।

-नजदीक से गोली लगने पर इंजरी स्पॉट के पास आमतौर पर काला घेरा बन जाता है, जबकि पीएम रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है।

-सुसाइड नोट बैग में था तो वह भी भीग गया होगा, फिर कैसे पुलिस उसे अक्षरश: पढ़ ले पाई। जबकि तमंचे से यतीन के फिंगर प्रिंट धुल जाने का दावा किया गया है।

-15 नवंबर को कंफर्ट लॉज छोड़ने और शनिवार को दून व्यू होटल में आकर ठहरने के बीच यतीन कहां था।

-यतीन ने तमंचा कहां से खरीदा। खुदकुशी के लिए एक ही तमंचा पर्याप्त था तो उसने दो तमंचे और चार कारतूस क्यों खरीदे।

-होटल कर्मियों ने शव को कंफर्ट लॉज के बाहर ही क्यों फेंका, जबकि बिग बाजार के आसपास और भी ऐसे स्थान हैं, जहां शव को फेंका जा सकता था।

-शहर की सड़कों पर लगे कैमरों से पुलिस उसके आने-जाने के ठिकानों तक क्यों नहीं पहुंच नहीं।

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