Coronavirus: मास्क तक पहनने को राजी नहीं प्रशिक्षु आइएफएस Dehradun News

राष्ट्रीय वन अकादमी के तीन प्रशिक्षु कोरोना से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती हैं। वे चिकित्सकों व स्टाफ से सहयोग नहीं कर रहे। हद तब हो गई जब उन्होंने मास्क लगाने से मना कर दिया।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Publish:Sat, 21 Mar 2020 11:01 AM (IST) Updated:Sat, 21 Mar 2020 11:01 AM (IST)
Coronavirus: मास्क तक पहनने को राजी नहीं प्रशिक्षु आइएफएस Dehradun News
Coronavirus: मास्क तक पहनने को राजी नहीं प्रशिक्षु आइएफएस Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। एक तरफ जहां समाज का हर तबका कोरोना को लेकर चिंतित है, बौद्धिक वर्ग से ताल्लुख रखने वाले आइएफएस प्रशिक्षुओं का अजब ही रवैया सामने आया है। वह तब जांच में सहयोग कर रहे थे और न अब इलाज में। यहां तक की कोरोना संक्रमित होने के बावजूद वह मास्क नहीं पहन रहे। इसी असहयोग के चलते अस्पताल प्रशासन को उनकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करनी पड़ी। मामला उच्च स्तर तक पहुंचा तब कहीं स्थिति सामान्य हुई।

उत्तराखंड में अब तक तीन मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यह तीनों ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु आइएफएस हैं। यह लोग उस 28 सदस्यीय दल का हिस्सा थे जो हाल ही में शैक्षिक भ्रमण से स्पेन से लौटा है। पर इन लोग शुरू से ही स्वास्थ्य विभाग को सहयोग नहीं कर रहे हैं। 

इनके विदेश भ्रमण की भी जानकारी सामने नहीं आ पाती अगर कुछ प्रशिक्षुओं की तबीयत न खराब होती। उस दौरान भी जब प्रशिक्षु दून अस्पताल में सैंपल देने आए थे, उन्हें भर्ती होने के लिए कहा गया था। पर वह नहीं माने। एक मामला पॉजीटिव आने के बाद 27 अन्य लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अकादमी पहुंची तब भी इन्होंने सैंपल देने में आनाकानी की। 

अब तीन प्रशिक्षु अस्पताल में भर्ती हैं, वह चिकित्सकों व स्टाफ से सहयोग नहीं कर रहे। हद तब हो गई जब उन्होंने मास्क लगाने से मना कर दिया। जिस पर डॉक्टर भी बिना उन्हें देखे बिना बाहर आ गए और शिकायत डिप्टी एमएस डॉ एनएस खत्री और प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना से की। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। 

चिकित्सकों का कहना था कि सुरक्षा की दृष्टि से संक्रमित मरीजों को मास्क पहनना बहुत जरूरी है। जिससे डॉक्टर्स और स्टाफ भी संक्रमण से दूर रहेंगे। बहुत देर की मशक्कत के बाद अस्पताल के अफसरों ने प्रशिक्षुओं को उनकी जिम्मेदारी अहसास दिलाया।

इसके बाद वे मास्क पहनने के लिए तैयार हुए। इससे पहले भी एक प्रशिक्षु बाहर से खाना मंगाने, बार-बार चादर बदलने, मिनरल वाटर जैसी डिमांड करके स्टाफ को परेशान करता रहा है। प्राचार्य का कहना है कि प्रशिक्षुओं को खुद के ही नहीं समाज की सुरक्षा के लिहाज से सहयोग करना चाहिए।

तीन नए मरीज भर्ती

दून अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 8 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके अलावा तीन अन्य मरीज भर्ती किए गए हैं। इनमें एक युवक चीन से लौटा है और एक 14 वर्षीय किशोर लंदन से लौटा है।

कैश कलेक्शन सेंटर सेनिटाइज के आदेश

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए यूपीसीएल के निदेशक वितरण अतुल कुमार अग्रवाल ने प्रदेश के सभी कैश कलेक्शन सेंटर हर दिन सेनिटाइज करने के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को निदेशक ने सभी मुख्य अभियंता वितरण को पत्र भेजे हैं। कहा कि0 कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। इससे बचाव ही प्रकोप से बचने का उपाय है।

सेनिटाइजर लगाकर अदा की नमाज

दून में जुमे की नमाज पर भी कोरोना का असर नजर आया। शहर की तमाम मस्जिदों में सामान्य की अपेक्षा कम भीड़ नजर आई। इस दौरान सभी मस्जिदों में सेनिटाइजर का उपयोग कर नमाज अदा की गई। शुक्रवार को जामा मस्जिद समेत शहर की तमाम मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई। सभी मस्जिदों में स्वच्छता का ख्याल रखते हुए दवा का छिड़काव किया गया। 

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इसके अलावा मस्जिद में पहुंचे नमाजियों को सेनिटाइजर से हाथ साफ करवाकर अंदर प्रवेश दिया गया। इसके बाद सभी ने नमाज अदा की। इस बार जुमे की नमाज में सामान्य से कम भीड़ रही। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए समुदाय के लोगों से अपने-अपने क्षेत्र में ही नमाज अदा करने की अपील की गई थी। इसके अलावा मस्जिदों में भी सफाई के उचित इंतजाम किए गए हैं। कोरोना को देखते हुए एहतियात बरतने की अपील की गई है।

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