सूफी गायक कैलाश खेर खोलेंगे संगीत ऐकेडमी, गरीब युवाओं को मिलेगा मौका

सूफी गायक कैलाश खेर जल्द ही ऐकेडमी ऑफ आर्ट खोलने जा रहे हैं। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को गीत व संगीत का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By BhanuEdited By: Publish:Fri, 31 May 2019 09:24 AM (IST) Updated:Sat, 01 Jun 2019 09:08 AM (IST)
सूफी गायक कैलाश खेर खोलेंगे संगीत ऐकेडमी, गरीब युवाओं को मिलेगा मौका
सूफी गायक कैलाश खेर खोलेंगे संगीत ऐकेडमी, गरीब युवाओं को मिलेगा मौका

ऋषिकेश, जेएनएन। सूफी गायक कैलाश खेर जल्द ही ऐकेडमी ऑफ आर्ट खोलने जा रहे हैं। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को गीत व संगीत का प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कैलाश खेर से इस पुनीत कार्य के लिए उत्तराखंड को चुनने की अपील की। 

प्रख्यात सूफी गायक कैलाश खेर दो दिवसीय प्रवास पर परमार्थ निकेतन आए थे। उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से आशीर्वाद लेकर विदाई ली। कैलाश खेर ने कहा कि मैं परमार्थ निकेतन की ही उत्पत्ति हूं। मैं भले ही मुंबई में रहता हूं मगर, मुझे लगता है गंगा मां ने सागर जैसे पिता के पास मुझे भेजा है और मैं वहां पर उत्तराखंड वासियों नाम रोशन करने की कोशिश कर रहा हूं। 

इस मौके पर हिंदी भाषा दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और मजबूत लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाए रखने के लिए स्वच्छ, निर्भिक और निर्विकार पत्रकारिता की जरूरत है। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि उदंत मार्तण्ड नाम से पहला समाचार पत्र 30 मई 1826 में निकाला गया था। इसलिए इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

उन्होंने कहा कि भारतीय पत्रकारिता आज भी अपने श्रेष्ठ मूल्यों को बचाए रखे है। एकादशी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन के लिए एकादशी व्रत अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने कहा कि क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तासुकु होंजो और टेक्सास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेम्स एलिसन ने रिसर्च के माध्यम से बताया कि एकादशी का व्रत रखने से कैंसर जैसी बीमारी भी दूर रह सकती है। 

वहीं श्रीराम कथा में मानस कथाकार संत मुरलीधर महाराज ने नारद के चरित्र की विशेषता बताते हुए कहा कि नारद तीनों लोकों में सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे। नारद ही उस समय के फोन, मोबाइल फोन और समाचार पत्र थे, उन्हीं के माध्यम से तीनों लोकों में सूचनाओं का आदान-प्रदान होता था। अत: उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार माना गया है।

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