जेईई एडवांस ने इस साल भी छात्रों चौंकाया

कोरोनाकाल में एक और अहम परीक्षा रविवार को संपन्न हो गई। आइआइटी में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस में भी कोविड-19 को लेकर पूरी सतर्कता दिखी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 08:01 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 08:01 PM (IST)
जेईई एडवांस ने इस साल भी छात्रों चौंकाया
जेईई एडवांस ने इस साल भी छात्रों चौंकाया

जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोनाकाल में एक और अहम परीक्षा रविवार को संपन्न हो गई। आइआइटी में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस में भी कोविड-19 को लेकर पूरी सतर्कता दिखी। परीक्षा केद्रों में प्रवेश से पहले छात्रों की थर्मल स्क्रीनिग हुई और शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा गया। परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है कि ओवरऑल पेपर मध्यम स्तर का था, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में यह थोड़ा आसान रहा। हर बार की तरह इस साल भी परीक्षा में सरप्राइज फैक्टर बरकरार रहा। कम्यूटर बेस्ड टेस्ट में छात्रों के पास विकल्प था कि वे विकल्प पर अपनी प्रतिक्रिया बदल सकते थे, छात्र प्रश्न को रिव्यू के लिए मार्क कर सकते थे। साथ ही सेव करने के बाद अगले प्रश्न पर जा सकते थे।

जेईई एडवांस में अभ्यर्थियों के सामने एक बड़ा बदलाव कुल अंकों का रहा। इस बार पेपर 396 अंक का आया। इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित के सवाल समान अनुपात में बंटे थे। वर्ष 2017 में जेईई एडवांस 366 अंक की हुआ था। वर्ष 2018 में इसे 360 अंक कर दिया गया। जबकि गत वर्ष परीक्षा 372 अंक की हुई थी। परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है कि पेपर-1 की तुलना में पेपर-2 आसान पर लंबा था। ओवरऑल पेपर की बात करें तो भौतिकी कठिन, गणित मध्यम और रसायन विज्ञान अपेक्षाकृत आसान था। गणित थोड़ा गणनात्मक और लंबा जरूर था। खासकर बीजगणित व कैलकुलस ने ज्यादा समय लिया। केमिस्ट्री का सेक्शन आसान था और प्रश्न सीधे सिलेबस से पूछे गए थे। कार्बनिक और अकार्बनिक केमिस्ट्री की तुलना में भौतिक रसायन विज्ञान में प्रश्नों का प्रतिशत अधिक था। प्रश्न एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों पर आधारित थे। फिजिक्स का हिस्सा बहुत लंबा था। कुछ चैप्टर्स जैसे रोटेशन, वर्क पॉवर एनर्जी, मैग्नेटिज्म आदि से काफी ज्यादा पश्न पूछे गए थे। निरंतरता और भिन्नता, व्युत्पन्न का अनुप्रयोग से भी प्रश्न पूछे गए।

जानकार ओपन कैटेगिरी के लिए 35 फीसद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 30 फीसद व अनुसूचित जाति-जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 15 फीसद तक की कटऑफ मान रहे है।

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