JEE Main: आस और विश्वास के साथ चढ़े सफलता के सोपान, पढ़ें पूरी खबर

जेईई-मेन में सफल कई अभ्यर्थियों ने प्रारंभिक असफलता के बाद परिश्रम को आधार बना सफलता के सोपान चढ़े।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 19 Jan 2020 11:12 AM (IST) Updated:Sun, 19 Jan 2020 11:12 AM (IST)
JEE Main: आस और विश्वास के साथ चढ़े सफलता के सोपान, पढ़ें पूरी खबर
JEE Main: आस और विश्वास के साथ चढ़े सफलता के सोपान, पढ़ें पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। जीवन में जितना श्वास का महत्व है, उतना ही विश्वास का भी। इसलिए आस और विश्वास कभी नहीं छोड़ना चाहिए। बस दृढ़ विश्वास के साथ कर्म करते रहिए, सफलता देर सवेर मिल ही जाएगी। जेईई-मेन में सफल कई अभ्यर्थियों ने इस युक्ति को चरितार्थ किया है। प्रारंभिक असफलता के बाद उन्होंने परिश्रम को आधार बना सफलता के सोपान चढ़े। 

लिखी सफलता की कहानी 

नथुवावाला निवासी स्वर्णिम थपलियाल ने जेईई-मेन में 99.50 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। उन्होंने गत वर्ष ग्लेशियर पब्लिक स्कूल से बारहवीं की। जिसमें उनके 90 फीसद अंक थे। पिछली बार भी जेईई दिया था पर अपेक्षा के अनुरूप रैंक नहीं मिली। जिस कारण उन्होंने दोबारा तैयारी की। अविरल क्लासेज के शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन से इस बार स्वर्णिम को स्वर्णिम सफलता मिली है। उनके पिता सीपी थपलियाल प्राइवेट नौकरी करते हैं। जबकि मां पूजा ग्लेशियर पब्लिक स्कूल में शिक्षिका हैं। स्वर्णिम का एक छोटा भाई है, जो कक्षा तीन में पढ़ता है। 

...करत-करत अभ्यास के 

प्रकाश विहार, धर्मपुर निवासी न्यासा सिन्हा ने जेईई मेन में 98.86 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। उन्होंने गत वर्ष दून इंटरनेशनल स्कूल से 93 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं की थी। पिछले साल भी जेईई-मेन और एडवांस दिया था। पर एडवांस में 19 हजार रैंक थी और इस कारण अच्छा कॉलेज नहीं मिला। लेकिन न्यासा ने उम्मीद नहीं छोड़ी और इस बार पूरी लगन के साथ तैयारी की। उनकी तमन्ना आइआइटी से इलेक्ट्रिकल या कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है। उनके पिता अजीत कुमार बैंक में कार्यरत हैं और मां अपर्णा ग्रहणी हैं। छोटी बहन अंशुला सिन्हा अभी 11वीं में पढ़ रही हैं। न्यासा ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता और अपने मार्गदर्शक अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा को दिया है। 

असफलता से सीख लेकर आगे बढ़े 

डाकपत्थर निवासी नितेश कुमार पाल की कहानी भी कुछ इसी तरह की है। उन्होंने पिछले साल सेंट मैरी स्कूल विकासनगर से 95 फीसदी अंकों के साथ बारहवीं की थी। गत वर्ष भी जेईई-मेन दिया था, पर 85 पर्सेंटाइल ही स्कोर कर सके। स्कोर कम होने के कारण जेईई-एडवांस के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए। पर उन्होंने हार नहीं मानी। लगन व कड़े परिश्रम के बूते इस बार 97.09 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। उनके पिता मनोज कुमार जीआइसी, डाकपत्थर में शिक्षक हैं, जबकि मां बरखा ग्रहणी हैं। नितेश का कहना है कि अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा के मार्गदर्शन में उन्होंने यह सफलता हासिल की है।

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सोशल मीडिया से बनाई दूरी 

दून के तुनवाला निवासी तथास्तु शर्मा ने जेईई-मेन में 99.34 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। उन्होंने गत वर्ष सेंट जोजफ्स एकेडमी से 94 फीसदी अंकों के साथ पास की। उनकी तमन्ना इंजीनियर बनने की है और जेईई-मेन की सफलता के साथ इस तरफ कदम बढ़ा लिए हैं। उनके पिता अनिल शर्मा वायु सेना से रिटायर हैं। वर्तमान में वह भारतीय स्टेट बैंक में जोनल ऑफिसर हैं। मां शारदा सरकारी शिक्षिका हैं और हाल में कालसी में तैनात हैं। तथास्तु बताते हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया व स्मार्ट फोन से दूरी बनाकर रखी। इसके अलावा एकाग्र होकर नियमित तैयारी की। उनकी इच्छा आइआइटी मद्रास या मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने की है। 

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पहले ही प्रयास में सफल 

दून विश्वविद्यालय रोड पर रहने वाले प्रियांशु जयाड़ा ने जेईई-मेन में 96.50 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। उनका यह पहला ही प्रयास था। वह हाल में दून इंटरनेशनल स्कूल में बारहवीं में अध्ययनरत हैं। उनके पिता भानु प्रताप दूरदर्शन में कार्यरत हैं। जबकि मां कंचन ग्रहणी हैं। छोटी बहन खुशी 8वीं में पढ़ रही हैं। 

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