जेईई मेन में गुदड़ी के लालों ने कर दिया कमाल, पढ़िए पूरी खबर
जेईई मेन में गुदड़ी के लालों ने कमाल कर दिखाया है। साथ ही उन्होंने ये साबित कर दिया है कि कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई मंजिल मुश्किल नहीं।
देहरादून, जेएनएन। कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई मंजिल मुश्किल नहीं, यह बात एक बार फिर साबित कर दिखाई है गांधीग्राम कांवली रोड निवासी आयुष धीमान ने। कारपेंटर का काम करने वाले कपिल धीमान के पुत्र आयुष ने जेईई-मेन में 97.70 पर्सेटाइल हासिल किया है। तीन भाई बहनों में सबसे छोटे आयुष बताते हैं कि नियमित पढ़ाई के कारण ही उन्हें यह सफलता मिली है।
आयुष ने गत वर्ष एसजीआरआर पब्लिक स्कूल तालाब से बारहवीं की। जिसमें उन्हें 95 फीसदी अंक मिले थे। उनकी तमन्ना इंजीनियर बनने की है, सो काफी वक्त से इसकी तैयारी कर रहे थे। गत वर्ष भी जेईई-मेन दिया था, पर 87 पर्सेंटाइल ही मिले। इस वजह से जेईई-एडवांस के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर सके। पर उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी।
उनका साथ दिया उनके शिक्षक और अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्र ने। यह लगन और परिश्रम का ही परिणाम है कि इस बार उन्हें इतने अच्छे अंक मिले हैं। आयुष कहते हैं कि असफलता से ही उन्हें सफलता की सीख मिली। असफलता के कारण तलाशे और उन्हें दूर किया। अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्र का कहना है कि किसी बच्चे में यदि काबिलियत है तो संस्थान उसकी हर संभव मदद करेगा।
पंख फैला सपलता के आसमान में परवाज भर रही बेटियां
जेईई-मेन में दून की बेटी स्वाती सक्सेना ने अपनी मेहनत और लगन से अपने पापा का सपना सच कर दिखाया है। वह कहने के लिए सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं, पर इरादे बड़े हैं। जिन्हें पूरा करना भी वह बखूबी जानती हैं। नवादा में रहने वाली स्वाती के पिता कृष्ण कुमार घर पर ही चक्की चलाकर गुजर बसर करते हैं। स्वाती ने 12वीं की परीक्षा हिम च्योति स्कूल से पास की। इसके बाद बलूनी क्लासेज की ओर से स्वाती को मुफ्त में जेईई की कोचिंग दी गई। स्वाती ने जेईई मेन में 92.019 परसेंटाइल प्राप्त किया है।
स्वाती ने बताया कि 7वीं कक्षा से ही उसने इंजीनियर बनने का सपना देखा था। जो अब पूरा होने जा रहा है। स्वाती ने बताया कि वह मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहती हैं। स्वाती के पिता कृष्ण कुमार ने बताया कि उनकी बेटी दिन में कई घंटे पढ़ाई करती है। उसका प्रयास अब फलीभूत होने जा रहा है। वह बताते हैं कि पढ़ाई के बाद उनकी बेटी घर में काम और चक्की में भी हाथ बंटाती है। स्वाती के घर में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई है, जो 9वीं कक्षा में पढ़ता है। बलूनी क्लासेज के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी के अनुसार अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत संस्थान ऐसे तमाम बच्चों को प्रोत्साहित कर रहा है, जिनमें काबिलियत है, पर आर्थिक स्थिति सपनों के आड़े आ रही है। ऐसे बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है
सब्जी बेचने वाले का बेटा बनेगा इंजीनियर
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। यह साधारण सी लोकोक्ति व्यक्ति के असाधारण मनोबल को बयां करती है। जिसे चरितार्थ कर दिखाया है दून निवासी निशांत मेनवाल ने। निशांत के पिता ठेली पर सब्जी बेचकर परिवार का गुजर बसर करते हैं। आर्थिक हालात आड़े आए लेकिन निशांत ने हार नहीं मानी। जेईई मेन परीक्षा में उन्होंने 90.24 पर्सेटाइल स्कोर किया है। कैलाशपुर निवासी निशांत के पिता बबलू मेनवाल सब्जी बेचते हैं जबकि मां ओमवती मेनवाल ग्रहणी हैं। निशांत ने बताया कि उनके पिता हमेशा चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिखकर इंजीनियर बने।
देश के विकास में अपना योगदान दे। इसके लिए उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद अपने बेटे को पढ़ाया। आज बेटे ने जेईई मेन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तो वह बेहद खुश हैं। निशांत ने 12वीं की परीक्षा एसजीआरआर पटेलनगर से पास की है। वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं, जिसके लिए उनकी पहली पसंद कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग है। उनके शिक्षक और मार्गदर्शक अचीवर्स क्लासेज के सीईओ मनु पंत ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। कहा कि निशांत में वह काबिलियत है कि सफलता मिल ही जाएगी।
10वीं में टॉपर, अब जेईई में भी सफल हुए आर्यमान
भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के नार्थ वेस्टर्न फ्रंटियर के आइजी दीपम सेठ के बेटे आर्यमान मिहिर सेठ ने जेईई-मेन में 99.95 पर्सेंटाइल हासिल की है। आर्यमान ने दसवीं में भी प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया था। अभी वह शेमफॉर्ड स्कूल में बारहवीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। उनके बड़े भाई शुभांकर सेठ भी आइआइटी से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। मां गौरी सेठ अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं। आर्यमान ताईक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुके हैं।
क्विज, वाद-विवाद आदि में भी काबिलियत साबित कर चुके हैं। उन्हें फिल्म व संगीत में भी खासी रुचि है। आर्यमान का कहना है कि कभी भी वह घंटों के हिसाब से तैयारी नहीं करते थे बल्कि ऐसा टाइमटेबल बनाते थे, जिसमें खेल और अन्य गतिविधियां भी शामिल रहे।
अचीवर्स क्लासेस के छात्रों ने पाया मुकाम
जेईई-मेन में अचीवर्स क्लासेज के छात्र-छात्रओं ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया है। संस्थान के चार छात्रों ने जहां 98 से अधिक पर्सेंटाइल प्राप्त किए हैं, वहीं दस छात्रों ने 95 से अधिक पर्सेंटाइल प्राप्त किया है। जबकि 13 छात्रों को 90 से अधिक पर्सेंटाइल मिले हैं।
संस्थान के सीईओ मनु पंत और निदेशक तपन पांडे ने बताया कि संस्थान के छात्र पियूष राज ने 99.3, रिभव ठाकुर ने 98.75, रवींद्र तिवारी ने 98.5, गणसूर्या ने 98.17,आकाश ने 96.93,ध्रुव मिश्र ने 96.9, चिराग ने 96.6,शिखर गोविल ने 95.6 और वैष्णवी भारद्वाज ने 95.2 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। इसके अलावा अन्य छात्रों ने भी परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने सभी छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
बलूनी क्लासेस ने साबित की बादशाहत
बलूनी क्लासेस के होनहारों ने एक बार फिर खुद को साबित करते हुए जेईई-मेन में अपनी बादशाहत कायम रखी। परीक्षा में सफल सभी छात्रों को संस्थान अब एडवांस की मुफ्त कोचिंग देगा।
संस्थान के निपुण सिंह को 98.6, संस्कार तिजारिया को 97.0, दिव्यांश दुबे को 96.6, विकास कुमार को 96.4, सचिन कुमार को 96.4, आर्यन बडोला को 96.2, देव कुमार को 95.7 और पुष्पेश गोकुल पंत को 95.4 पर्सेंटाइल मिला। इसके अलावा अन्य छात्र-छात्रओं ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। परिणाम आते ही नेहरू कॉलोनी स्थित संस्थान में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। शिक्षकों और छात्र-छात्रओं ने सफलता प्राप्त करने वालों को मिठाई खिलाकर बधाई दी। बलूनी ग्रुप ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन डॉ. नवीन बलूनी ने कहा कि जेईई मेन केवल शुरूआत है। अब पूरी मेहनत और लगन से एडवांस की तैयारियों में जुटना होगा। बलूनी क्लासेस के एमडी विपिन बलूनी ने बताया कि जेईई मेन में सफलता हासिल करने वाले सभी छात्र-छात्रओं को एडवांस की कोचिंग निश्शुल्क कराई जाएगी।
स्पेक्ट्रम के छात्र भी छाए
स्पेक्ट्रम एडवेंचर्स ने जेईई-मेन में शानदार प्रदर्शन किया है। संस्थान की छात्र वंशिका अग्रवाल ने फिजिक्स में सर्वाधिक 99.8 पर्सेटाइल के साथ जेईई-मेन में 99.56 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं।
36 छात्र-छात्रओं के बैच में सभी ने 90 पर्सेंटाइल से अधिक हासिल किए हैं। जिनमें दस छात्र-छात्रएं बारहवीं की तैयारी के बीच जेईई-मेन में शामिल हुए थे। संस्थान के निदेशक आयुष भट्ट का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब देहरादून को उत्तराखंड का कोटा कहा जाएगा। जेईई की कोचिंग के लिए छात्रों को कहीं बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा। वह कहते हैं कि स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कई छात्र परीक्षाओं में असफल हो जाते हैं। संस्थान इसकी प्रतियोगी क्षमता को उभारता है। संस्थान के अकादमिक निदेशक पुनीत कपूर ने सफल छात्र-छात्रओं को बधाई दी।
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अविरल के छात्रों ने साबित की प्रतिभा
जेईई मेन-1 में अविरल क्लासेज के छात्र-छात्रओं ने एक बार फिर अपनी काबिलियत साबित कर दिखाई। संस्थान के 20 से अधिक छात्र-छात्रओं को 95 से 99.5 के बीच पर्सेंटाइल हासिल किया। वहीं 55 से अधिक छात्र-छात्रओं ने 90 से 99.5 पर्सेंटाइल प्राप्त किए।
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संस्थान के निदेशक डीके मिश्र ने बताया कि जेईई-मेन में संस्थान के छात्र स्वर्णिम थपलियाल को 99.5 पर्सेटाइल मिले। न्यासा सिन्हा ने 98.86, अभिमन्यु बिष्ट ने 98.04, आयुष धीमान ने 97.70, नितेश कुमार पाल ने 97.09, उज्जवल गुप्ता ने 96.83, राहुल डोबरियाल ने 96.82, शिवांश डोभाल ने 96.63,शोभित गुलाटी ने 96.60, प्रियांशु जयारा ने 96.50, आलोक सिंह राणा ने 95.55, कुश बिश्नोई ने 95.27 व अर्पित गुप्ता ने 95 पर्सेटाइल हासिल की। अब जेईई-एडवांस के लिए संस्थान विशेष तैयारी करवा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान में बेहतर व अनुभवी शिक्षकों का समूह है, जिनके मार्गदर्शन में छात्रों को तैयारी करवाई जाएगी।
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