उत्तराखंड के राजाजी में शिकारियों के मंसूबे होंगे नाकाम, 'स्ट्राइक फोर्स' तैयार

उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व में अब शिकारियों के मंसूबे नेस्तनाबूद करने को सर्जिकल स्ट्राइक होगी।

By Edited By: Publish:Sun, 01 Dec 2019 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 01 Dec 2019 08:28 PM (IST)
उत्तराखंड के राजाजी में शिकारियों के मंसूबे होंगे नाकाम, 'स्ट्राइक फोर्स' तैयार
उत्तराखंड के राजाजी में शिकारियों के मंसूबे होंगे नाकाम, 'स्ट्राइक फोर्स' तैयार

देहरादून, केदार दत्त। एशियाई हाथियों के लिए मशहूर उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व में अब शिकारियों के मंसूबे नेस्तनाबूद करने को 'सर्जिकल स्ट्राइक' होगी। इसके लिए पहली बार 50 वन रक्षकों को कमांडो ट्रेनिंग दी गई, जिनमें से 18 का चयन 'स्ट्राइक फोर्स' के लिए किया गया है। यह फोर्स शिकारियों-तस्करों के खिलाफ स्ट्राइक करेगी। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील इस रिजर्व में सुरक्षा व्यवस्था अधिक पुख्ता होगी। 

विषम भूगोल और 71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में जंगल के रखवालों का शारीरिक रूप से सशक्त होना ही पर्याप्त नहीं, मानसिक रूप से मजबूत होना भी जरूरी है। इसी के दृष्टिगत राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने रिजर्व की सुरक्षा में तैनात वन रक्षकों को कमांडो ट्रेनिंग दिलाने का निर्णय लिया। इसके लिए ऐसे व्यक्ति के चयन पर जोर दिया गया, जो अर्से तक जंगल से जुड़े अभियानों से जुड़ा रहा हो। 

ट्रेनिंग को बतौर ट्रेनर एसटीएफ तमिलनाडू के इंस्पेक्टर जे. सुरेश का नाम फाइनल हुआ। सुरेश ने चंदन तस्कर वीरप्पन के खिलाफ चले अभियान में अहम भूमिका निभाई थी। इंस्पेक्टर सुरेश की अगुआई में राजाजी के मिट्ठावाली, धौलखंड के जंगलों में 20 से 27 नवंबर तक ट्रेनिंग हुई, जिसमें रिजर्व के 50 वन रक्षकों ने भाग लिया। निदेशक पात्रो के अनुसार अब स्ट्राइक फोर्स गठित हो रही है, जिसके लिए कमांडो ट्रेनिंग लेने वाले वन रक्षकों में से 18 का चयन किया गया है। यह फोर्स जरूरत पड़ने पर कहीं भी शिकारियों-तस्करों के खिलाफ स्ट्राइक करेगी। स्ट्राइक फोर्स के सदस्य अन्य कर्मियों को समय-समय पर कमांडो ट्रेनिंग देंगे। 

ये सीखे गुर 

फायर ड्रिल, घात लगाना, सर्च ऑपरेशन, पेड़ों की टहनियां और पत्तियां लगाकर जंगल से चिपककर रहना, रेसक्यू ऑपरेशन, हथियारों का रखरखाव, रॉक और ट्री क्लाइंबिंग, ऑपरेशन के दौरान हथियार की पोजिशन, ट्रैप लगाना, स्टाफ को बचाना आदि। 

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राजाजी टाइगर रिजर्व देहरादून, हरिद्वार और लैंसडौन प्रभागों के मध्य स्थिति राजाजी टाइगर रिजर्व 1075.17 वर्ग किमी में फैला है। इसमें 840 वर्ग किमी कोर और शेष बफर जोन है। चारों तरफ आबादी और उप्र की सीमा से सटे होने के कारण इसे संवेदनशील माना जाता है।

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