मंत्री रेखा आर्य ने हरीश रावत पर किया पलटवार, बोली भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक आधार खो चुके हैं बड़े दाज्यू

महिला सशक्तीकरण विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए टेंडर के मामले में विभागीय मंत्री और निदेशक के बीच विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की टिप्पणी पर अब राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने पलटवार किया है।

By Edited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 02:59 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 02:35 PM (IST)
मंत्री रेखा आर्य ने हरीश रावत पर किया पलटवार, बोली भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक आधार खो चुके हैं बड़े दाज्यू
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की टिप्पणी पर अब राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने पलटवार किया है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। महिला सशक्तीकरण विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए टेंडर के मामले में विभागीय मंत्री और निदेशक के बीच विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की टिप्पणी पर अब राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बड़े दाज्यू (बड़े भाई) हरीश रावत भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक आधार खो चुके हैं क्योंकि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश में भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा था। यही कारण रहा कि प्रदेश की जनता ने पहले उन्हें विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर और फिर लोकसभा चुनाव में भी सिरे से नकार दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को सोशल मीडिया में महिला सशक्तीकरण विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन को लेकर विभागीय मंत्री के कदम पर सवाल उठाए थे। इस पर गुरुवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत स्वयं को रोजगारपरक दिखाने के लिए सोशल मीडिया में कुछ न कुछ लिखते रहते हैं। इस बार हरीश रावत ने उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाया है। संभवतया उनकी स्मरण शक्ति कमजोर हो गई है। वह उन्हें बताना चाहती हैं कि कुर्सी बचाने के लिए उनके स्टिंग को पूरे प्रदेश ने देखा। नैनीसार में स्कूल खोलने के नाम पर जमीन कौडियों के भाव बेची। यहां तक कि एक शराब माफिया का एकाधिकार स्थापित करने के लिए कदम उठाए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को खुले मंच पर बहस की चुनौती देते हुए कहा कि यदि वे उन पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध कर देंगे, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगी।

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दो दिन पहले की थी मुख्यमंत्री से बात

महिला सशक्तीकरण राज्य मंत्री रेखा आर्य ने विभागीय निदेशक वी षणमुगम के मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री से चर्चा की थी। राज्य मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनसे प्रकरण से संबंधित फाइल लेकर आने को कहा लेकिन तब उनके पास फाइल थी ही नहीं। फिर बुधवार को विधानसभा सत्र हुआ। उन्होंने बताया कि गुरुवार को उप निदेशक ने उन्हें फाइल भेजी, लेकिन यह अधूरी और फोटोस्टेट कॉपी है। बकौल रेखा आर्य, उन्होंने मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी को इसकी जानकारी दी और पूछा कि क्या वे यही फाइल लेकर मुख्यमंत्री के पास आ जाएं। निदेशक के क्वारंटाइन होने के संबंध में उन्होंने कहा कि आधिकारिक रूप से अब तक भी उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। 

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