उत्तराखंड में सोलर रूफ टॉप स्कीम में 950 को एनओसी, जानिए क्या है योजना और गाइडलाइन
उत्तराखंड में ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप योजना पर कदमताल फिर तेज होने लगी है। राज्य में अब तक इस योजना में 1308 लोग आवेदन कर चुके हैं।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। हरित ऊर्जा के मामले में उत्तराखंड नई इबारत लिखने की तैयारी कर रहा है। कोरोना संकटकाल में कुछ महीने की सुस्ती के बाद ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप योजना पर कदमताल फिर तेज होने लगी है। राज्य में अब तक इस योजना में 1308 लोग आवेदन कर चुके हैं। खास बात ये है कि 950 आवेदकों को अनापत्ति दी जा चुकी है। अगले तीन से चार महीने के भीतर बड़ी संख्या में ये संयंत्र स्थापित हो जाएंगे।
केंद्र सरकार राज्य में परियोजना की क्षमता दो मेगावाट से बढ़ाकर 12 मेगावाट तक करने की अनुमति दे चुकी है। ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप योजना यानी राज्य में आम आदमी के लिए बिजली की बचत और बची हुई बिजली बेचकर मुनाफा कमाने का सुनहरा अवसर। बीते जनवरी माह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना को लॉन्च किया, तो शुरुआती दौर में ही अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिला। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस योजना को अंजाम तक पहुंचाने की कवायद धीमी पड़ी है। इस योजना में अब तक 14 वेंडर आ चुके हैं। इनके जरिये ही आवेदकों के घरों में सोलर संयंत्र लगेंगे।
राज्य सरकार योजना की गाइडलाइन पहले ही जारी कर चुकी है। इसके तहत सिर्फ घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को 40 फीसद तक सब्सिडी मिलेगी। पहले चरण में घरेलू उपभोक्ताओं को वरीयता दी जा रही है। घरेलू उपभोक्ता एक किलोवाट से 10 किलोवाट तक संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इससे ज्यादा की अनुमति ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को होगी। सोसायटी को संयंत्र लागत का 20 फीसद सब्सिडी मिलेगी। ऊर्जा सचिव राधिका झा के मुताबिक इस योजना में कुल 7.4 मेगावाट क्षमता के लिए 1308 लोग आवेदन कर चुके हैं। इस योजना के लिए अनापत्ति हासिल कर चुके आवेदक अगले तीन से चार महीने में सोलर संयंत्र स्थापित कर सकेंगे। वेंडरों को इस काम में तेजी लाने को कहा जा रहा है।
एक घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को अनुदान
किलोवाट, अनुदान 03, संयंत्र लागत का 40 फीसद 10, 03 किलोवाट तक 40 फीसद, इसके बाद 20 फीसद।
संयंत्र लागत की दरें (प्रति किलोवाट धनराशि)
किलोवाट, मैदानी क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र
04 किलोवाट तक, 50800, 53800
10 किलोवाट तक, 48900, 51900
11 से 100 किलोवाट, 42000, 45400
500 किलोवाट तक, 41000, 43000