Social Progress Index: देश में नागरिक सुरक्षा के लिहाज से नगालैंड बेहतर, इस राज्य की स्थिति सबसे खराब
Social Progress Index देश में नागरिक सुरक्षा के लिहाज से नगालैंड सबसे बेहतर स्थिति में है जबकि हरियाणा की स्थिति सबसे खराब है। वहीं उत्तराखंड के 13 में से नौ जिलों को नागरिक सुरक्षा में 80 से अधिक अंक मिले हैं। Photo currentaffairs
नेहा सिंह, देहरादून: Social Progress Index: देश में नागरिक सुरक्षा के लिहाज से नगालैंड सबसे बेहतर स्थिति में है, जबकि हरियाणा की स्थिति सबसे खराब है। केंद्र सरकार की ओर से जारी सामाजिक प्रगति सूचकांक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
50 अंक भी नहीं प्राप्त कर पाए सात राज्य
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने पहली बार देश के राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और 707 जिलों की सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआइ) रिपोर्ट जारी की है। देश के 36 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में सात राज्य, नागरिक सुरक्षा के लिए निर्धारित 100 अंकों में से 50 भी नहीं प्राप्त कर पाए हैं।
एक तथ्य ये भी है कि राज्यों की तुलना में केंद्र शासित प्रदेश निवास के लिहाज से अधिक सुरक्षित हैं। उत्तराखंड 67.74 अंक पाकर राष्ट्रीय औसत 61.48 से आगे 11वें स्थान पर है।
13 में से नौ जिलों को नागरिक सुरक्षा में 80 से अधिक अंक मिले
उत्तराखंड के 13 में से नौ जिलों को नागरिक सुरक्षा में 80 से अधिक अंक मिले हैं। हालांकि, यहां ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल और हरिद्वार जिले में अपराध पर अंकुश लगाने की जरूरत है। नैनीताल को छोड़ दें तो मैदानी जिलों की तुलना में पहाड़ी जिलों में अपराध का ग्राफ कम है।
नागरिक सुरक्षा में देश की तस्वीर
सबसे सुरिक्षत पांच राज्य राज्य, अंक नगालैंड, 88.06 लद्दाख, 85.87 पुडुचेरी, 78.65 दमन और दीव, 78.43 मणिपुर, 76.61
सबसे असुरक्षित पांच राज्य
(नोट: राज्यों को मिले अंक प्रतिशत में हैं)
उत्तराखंड के जिलों को मिले अंक
जिला, अंक चमोली, 89.47 पौड़ी गढ़वाल, 88.85 पिथौरागढ़, 87.24 रुद्रप्रयाग, 86.42 अल्मोड़ा, 85.61 टिहरी गढ़वाल, 83.66 उत्तरकाशी, 81.94 चंपावत, 81.79 बागेश्वर, 80.38 हरिद्वार, 67.83 नैनीताल, 63.94 देहरादून, 58.74 ऊधमसिंहनगर, 49.87नागरिक सुरक्षा के मानक
हत्या समेत अन्य जघन्य अपराध, महिला व बच्चों के साथ होने वाले अपराध, साइबर अपराध, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत,‘पुलिस राज्य के हर हिस्से में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में नए थाना और चौकियां खोली जा रही हैं। महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध होने पर तत्काल शिकायत दर्ज करने के आदेश हैं। ऐसे मामलों में पुलिस गंभीरता से जांच कर दोषियों को सलाखों के पीछे भी पहुंचा रही है। इसीलिए अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तराखंड में अपराधियों पर तेजी से कार्रवाई हो रही है। शिकायतें बढ़ने की एक वजह समाज, खासकर महिलाओं में अपराध को लेकर आई चेतना भी है।’
- अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड