अब तक दो सौ पुलिसकर्मी हुए क्वारंटाइन
कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हुए दो माह से अधिक का वक्त का गुजर जाने के बाद भी उत्तराखंड में राहत की बात यह है कि यहां संक्रमण अभी तक खाकी के आसपास भी नहीं फटक पाया।
जागरण संवाददाता, देहरादून:
कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हुए दो माह से अधिक का वक्त का गुजर जाने के बाद भी उत्तराखंड में राहत की बात यह है कि यहां संक्रमण अभी तक खाकी के आसपास भी नहीं फटक पाया। हालांकि रेड जोन से आने वाले प्रवासियों से लेकर कंटेनमेन जोन में मोर्चा संभालने वाले करीब दो सौ पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन करना पड़ा, लेकिन इसमें से भी किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं दिखे।
पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि फ्रंटलाइन पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को पीपीई किट से लेकर फेश शील्ड और मास्क दिए गए हैं। साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है। यही वजह है कि उत्तराखंड में पुलिसकर्मी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले जब आना शुरू हुए तो उसी समय एसडीआरएफ के माध्यम से सभी पुलिस कर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचने के उपायों की जानकारी दे दी गई। इसके साथ ही कोरोना मरीजों के संपर्क में आने की स्थिति में खतरे से बचाने के लिए पीपीई किट से लेकर मास्क, फेश शील्ड और पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइजर का वितरण भी कराया गया। इसके साथ ही पचपन साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों को आफिस अटैच कर दिया गया। यह सब कदम काफी कारगर रहे। उन्होंने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन करना पड़ा, उसमें से भी किसी में कोरोना के लक्षण नहीं दिखे। यह बेहद राहत देने वाली खबर रही।
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अब विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश
राज्य में गैर प्रांतों से आने वाले कई प्रवासी ऐसे हैं जो कोरोना पाजिटिव पाए जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस महानिदेशक ने सभी पुलिसकर्मियों को आने वाले दिनों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासियों से पूछताछ के समय शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ मास्क लगाकर ही उनसे बात की जाए। यदि उनके दस्तावेजों को चेक करना है तो ग्लब्स पहन कर ही दस्तावेज हाथ में लें।