तो भगतदा को भी सीएम तीरथ से बड़ी उम्मीदें, पढ़िए पूरी खबर

चुनाव से चंद महीनों पहले प्रदेश में हुए नेतृत्व परिवर्तन से जनता को बड़ी उम्मीदें हैं । इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नए मुख्यमंत्री तीरथ रावत को पत्र लिखकर प्रदेश के विकास के लिए जरूरी योजनाओं की ओर उनका ध्यान खींचा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 18 Mar 2021 07:44 AM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 07:44 AM (IST)
तो भगतदा को भी सीएम तीरथ से बड़ी उम्मीदें, पढ़िए पूरी खबर
पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। 2022 के विधानसभा चुनाव से चंद महीनों पहले प्रदेश में हुए नेतृत्व परिवर्तन से जनता को तो बड़ी उम्मीदें हैं ही, साथ में भाजपा के दिग्गज नेताओं में भी नई आस दिखाई दे रही है। इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर प्रदेश के विकास के लिए जरूरी योजनाओं की ओर उनका ध्यान खींचा है। राज्य की ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए कई अहम सुझाव भी उन्होंने दिए हैं। 

राज्य के विकास और उसकी समस्याओं के समाधान की पहल को लेकर कोश्यारी के इस पत्र के सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रदेश में भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे कोश्यारी के करीबियों में शुमार किया जाता रहा है। हालांकि त्रिवेंद्र सरकार के करीब चार साल के कार्यकाल के दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने अहम मसलों के समाधान को लेकर इतने महत्वपूर्ण सुझाव सामने नहीं रखे।

विकास प्राधिकरणों पर जताई आपत्ति

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कोश्यारी ने कुछ तात्कालिक तो कुछ दीर्घकालिक क्रियान्वयन के लिए सुझाव दिए हैं। प्रदेश में पिछले दिनों बनाए गए विकास प्राधिकरणों पर पहली बार उन्होंने भी अपना मत जाहिर कर इनमें संशोधन को आवश्यक बताया। दूसरा अहम सुझाव प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कालेजों को मजबूत बनाने और उनकी नियमित देखरेख के लिए दिया गया। उन्होंने अल्मोड़ा व रुद्रपुर के मेडिकल कालेजों को शीघ्र शुरू करने की व्यवस्था करने को आवश्यक करार दिया।

भूमि सुधार को बने आयोग

राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि प्रदेश बनने के बाद 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी भूमि सुधार नहीं हो पाया है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में भूमि को आवश्यकता से अधिक वर्गों में बांटा गया है। संयुक्त खातों के कारण जनता को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए तत्काल भूमि सुधार आयोग का गठन करने का सुझाव उन्होंने दिया। उन्होंने कहा कि आयोग के लिए राज्य के मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक व भूराजस्व संबंधी नियमों की वृहद जानकारी रखने वाले वरिष्ठ पूर्व आइएएस अधिकारी व अधिवक्ता उत्तराखंड में उपलब्ध हैं।

आदर्श पर्यटक स्थल नहीं बन सका राज्य

कोश्यारी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पर्वतीय अंचलों में रेल पहुंचाने का कार्य द्रुत गति से कर रही है। चार धाम यात्रा मार्ग व आलवेदर रोड से यातायात सुगम होने वाला है, लेकिन प्रदेश में स्वच्छता व स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं देने और अनियमित व अव्यवस्थित निर्माणों के कारण सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य संपदा होते हुए भी प्रदेश आदर्श पर्यटक स्थल के रूप में विकसित नहीं हो पाया है। इस दृष्टि से सभी राजनैतिक, सामाजिक व विचारवान नागरिकों के सहयोग से प्रदेश को उत्तम प्रदेश के रूप में विकसित करने के प्रयास होने चाहिए।

ये बन सकते हैं आदर्श शहर

उन्होंने कहा कि भविष्य में अनियमित निर्माण व अतिक्रमण रोक कर गैरसैंण-चौखुटिया, बड़कोट-नौगांव-लाखामंडल, पिथौरागढ़-लोहाघाट-चंपावत व धारी-मुक्तेश्वर-रामगढ़ को आदर्श शहरों के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यकता हो तो देश के ख्यातनाम टाउन प्लानर या जापान के विशेषज्ञों की समिति बनाई जा सकती है। बैजनाथ-गरुड़, सोमेश्वर-लाधिया घाटी, चौखुटिया-भिकियासैण-मासी व बालगंगा घाटी के उपजाऊ क्षेत्रों को निर्माण कार्य से बचाकर कृषि व बागवानी के लिए सुरक्षित रखने का सुझाव दिया गया है।

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