UKSSSC Paper Leak: पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक से सात घंटे पूछताछ

UKSSSC Paper Leak पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक से सात घंटे पूछताछ हुई। निदेशक राजेश चौहान से पेपर का प्रकाशन से लेकर सील होने तक पूरे प्रक्रिया की जानकारी ली। बता दें कि आरएमएस टेक्नो साल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 2016 से प्रिंटिंग का प्रकाशन कर रही है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2022 02:21 PM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2022 02:21 PM (IST)
UKSSSC Paper Leak: पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक से सात घंटे पूछताछ
UKSSSC Paper Leak: पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक से सात घंटे पूछताछ हुई।

जागरण संवाददाता, देहरादून : UKSSSC Paper Leak Case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के स्नातक स्तर का पेपर लीक के मामले में एसटीएफ मुख्यालय पहुंचे आरएमएस टेक्नो साल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश चौहान से विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की टीम ने सात घंटे पूछताछ की। इस दौरान निदेशक कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए, ऐसे में एसटीएफ की ओर से उन्हें तीन दिन बाद पूरे दस्तावेज के साथ पेश होने के लिए कहा है।

पूरे प्रक्रिया की जानकारी हासिल की

मंगलवार सुबह करीब 10 बजे निदेशक राजेश चौहान एसटीएफ कार्यालय पहुंचे। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते एसपी स्वपन किशोर व जांच टीमों ने उनसे पूछताछ की। इस दौरान उनसे पेपर का प्रकाशन से लेकर सील होने तक पूरे प्रक्रिया की जानकारी हासिल की गई। हालांकि वह कुछ अधिक जानकारी एसटीएफ को नहीं दे सके। उनका कहना था कि यह सारा काम अन्य स्टाफ के पास रहता है, इसलिए उन्हें पूरी प्रक्रिया की जानकारी नहीं है। ऐसे में एसटीएफ ने जानकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ पेश होने को कहा है।

पूछताछ के दौरान यह भी जानकारी हाथ लगी है कि वह उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के विभिन्न संस्थानों के लिए प्रिंटिंग का काम करते हैं, लेकिन पेपर प्रिंटिंग वह सिर्फ उत्तराखंड के लिए करते हैं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यह उनसे प्राइमरी पूछताछ थी। ऐसे में आगे पूरी जानकारी ली जाएगी कि कौन-कौन से राज्य के वह पेपर प्रिंट करते हैं। उन्होंने कहा कि निदेशक ने बताया कि वह 2016 से आयोग के पेपर प्रकाशित कर रहे हैं।

वीडियो ग्राफी के लिए नहीं बोला गया था

पेपरों के प्रिंट से लेकर सील करने तक की प्रक्रिया का वीडियोग्राफी न करने पर प्रिंटिंग प्रेस ही नहीं बल्कि आयोग भी सवालों के घेरे में है। प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक ने बताया कि उन्हें वीडियोग्राफी के लिए बोला ही नहीं गया था, ऐसे में उनके पास 15 दिन का रुटीन का डाटा सुरक्षित रहता है। 15 दिन बाद डाटा स्वत: ही खत्म हो जाता है।

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