मैदान में धूम मचाने के बाद कमेंटेर के रूप में नजर आएंगे वीरेंद्र सहवाग

भारतीय टीम के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज व मुल्तान के सुल्तान के नाम से मशहूर रहे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नई पारी की शुरुआत करने की तैयारी में हैं। इस बार वे मैदान के भीतर नहीं, बल्कि मैदान के बाहर एक कमेंटेटर के रूप में

By sunil negiEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2015 11:08 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2015 09:07 PM (IST)
मैदान में धूम मचाने के बाद कमेंटेर के रूप में नजर आएंगे वीरेंद्र सहवाग

विकास गुसाईं, देहरादून। भारतीय टीम के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज व मुल्तान के सुल्तान के नाम से मशहूर रहे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नई पारी की शुरुआत करने की तैयारी में हैं। इस बार वे मैदान के भीतर नहीं, बल्कि मैदान के बाहर एक कमेंटेटर के रूप में नई भूमिका में नजर आएंगे। उनका यह सफर भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित क्रिकेट सीरीज से हो सकता है। इसके लिए उन्हें टेन स्पोट्र्स समेत तमाम चैनलों से आफर मिले हैं। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग का कहना है कि यदि भारत सरकार से सीरीज को मंजूरी मिली और रणजी मैच खत्म हो जाएं तो वे कमेंट्री जरूर करेंगे। उन्होंने भविष्य में राजनीतिक में उतरने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि राजनीति में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है।
दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे वीरेंद्र सहवाग ने तमाम मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी होने के नाते वे चाहते हैं कि भारत व पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सीरीज हो, लेकिन इसके लिए दोनों सरकारों के दिल मिलने चाहिए। इसके लिए सरकार की सहमति जरूरी है। सीरीज को लेकर सरकार जो भी निर्णय लेती है, हम उसका समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड मौका देता है, तो वह किसी भी प्रकार की भूमिका निभाने को तैयार हैं।

स्पॉट फिक्सिंग के दोषियों पर लगे आजीवन बैन
वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि स्पॉट फिक्सिंग को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। उनका व्यक्तिगत रूप से यह मानना है कि स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए गए खिलाड़ियों को दोबारा खेलने का मौका नहीं मिलना चाहिए। यदि किसी पर केवल इल्जाम है तो उसे क्रिकेट खेलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर अंतिम निर्णय तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल को ही लेना होता है।

नए खिलाड़ियों को मिले पूरा मौका
वीरेंद्र सहवाग कहते हैं कि जिस भी खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय टीम में होता है, उसे पूरा मौका दिया जाना चाहिए। एक नए टेस्ट खिलाड़ी को कम से कम दो टेस्ट सीरीज और एक नए वन डे खिलाड़ी को दस वन डे मैच खेलने का मौका जरूर दिया जाना चाहिए, तभी उसके बारे में सही आकलन किया जा सकता है।

घरेलू टीम को मिलना चाहिए पिच चुनने का मौका
विश्व भर में खेले जा रहे टेस्ट मैचों में घरेलू टीमों द्वारा अपने हिसाब से पिच तैयार करने पर उठ रहे सवालों के बीच सहवाग ने घरेलू टीमों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि घरेलू टीम को अपने हिसाब से पिच चुनने का पूरा मौका मिलना चाहिए। जब यह टीम दूसरे देश के दौरों पर होती है तो उन्हें मेजबान देश के हिसाब से बनाई गई पिचों पर खेलना पड़ता है। वहां भी तीन दिनों में मैच का परिणाम आता है।

धौनी में अभी काफी क्रिकेट
दक्षिण अफ्रीका टीम से वन डे और टी-20 में शिकस्त झेलने के बाद निशाने पर आए भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का वीरेंद्र सहवाग ने पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि धौनी अभी केवल 34 वर्ष के हैं। उनमें काफी क्रिकेट बाकी है। यदि वे अगले विश्व कप तक भारतीय टीम के साथ जुड़े रहें तो वे देश को काफी मजबूत टीम दे सकते हैं।

डे-नाइट टेस्ट मैच का भविष्य बेहतर
पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग डे-नाइट पिंक बॉल टेस्ट मैच का भविष्य बेहतर मानते हैं। उनका कहना है कि क्रिकेट के इस प्रारूप में एक क्रिकेट प्रशसंक आफिस टाइम के बाद भी मैदान में जाकर क्रिकेट देख सकता है। इसके लिए उसे पूरा दिन छुट्टी लेने की जरूरत नहीं है। इस खेल में गुलाबी रंग की गेंद के इस्तेमाल को वे लाल गेंद से बेहतर मानते हैं। उनका कहना है कि लाइट जलने के दौरान थोड़ी देर एक तेज गेंदबाज गुलाबी बाल से बल्लेबाज को जरूर परेशान कर सकता है लेकिन फिर भी यह बाल लाल बाल से ज्यादा बेहतर है।

सुशील, साइना, सानिया व विजेंदर के हैं फैन
अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से करोड़ों प्रशंसक बनाने वाले वीरेंद्र सहवाग खुद सुशील कुमार, साइना नेहवाल, सानिया मिर्जा व विजेंदर सिंह के बड़े फैन हैं। सहवाग कहते हैं कि इन खिलाडिय़ों ने अपने बूते इन खेलों में भारत का नाम रोशन किया है। मौका मिलने पर वे कुश्ती, टेनिस और बाक्सिंग के अलावा बैडमिंटन जरूर देखते हैं। वे खुद भी बैडमिंटन खेलने का शौक रखते हैं और मौका मिलने पर अभी भी बैडमिंटन खेलते हैं।

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