उत्‍तराखंड के सरकारी स्‍कूलों में हिंदी और अंग्रेजी में होगी विज्ञान की पढ़ाई, शिक्षा महानिदेशक ने सभी सीईओ को भेजे पत्र

प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों में कक्षा तीन से 12वीं तक विज्ञान विषय का पठन-पाठन अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी होगा। सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने जिले की स्कूलों में विज्ञान विषय की पढ़ाई अंग्रेजी व हिन्दी दोनों माध्यमों में कराएं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 31 Jul 2022 08:32 AM (IST) Updated:Sun, 31 Jul 2022 08:32 AM (IST)
उत्‍तराखंड के सरकारी स्‍कूलों में  हिंदी और अंग्रेजी में होगी विज्ञान की पढ़ाई, शिक्षा महानिदेशक ने सभी सीईओ को भेजे पत्र
राजकीय विद्यालयों में कक्षा तीन से 12वीं तक विज्ञान विषय का पठन-पाठन अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी होगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों में कक्षा तीन से 12वीं तक विज्ञान विषय का पठन-पाठन अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी होगा। इसको लेकर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) को पत्र भेजे हैं।

अंग्रेजी माध्यम से पठन-पाठन में कठिनाइयां

उन्होंने कहा कि शासनादेश के अनुसार 23 अगस्त 2017 को एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें तीसरी से 12वीं तक विज्ञान विषय की पढ़ाई केवल अंग्रेजी माध्यम से करने का निर्णय लिया था, लेकिन इस संबंध में विभिन्न स्तर से प्राप्त फीडबैक से ज्ञात हुआ कि विज्ञान विषय को अंग्रेजी माध्यम से पठन-पाठन में कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं।

22 जून की विभागीय समीक्षा बैठक में व‍िचार व‍िमर्श

22 जून 2022 की विभागीय समीक्षा बैठक में विज्ञान विषय को अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन कराये जाने से हो रही कठिनाई पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। इसके बाद निर्णय लिया गया कि विज्ञान विषय की पढ़ाई दोनों माध्यमों से कराई जाए। उन्होंने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने जिले की स्कूलों में विज्ञान विषय की पढ़ाई अंग्रेजी व हिन्दी दोनों माध्यमों में कराएं।

छह साल पहले लिया गया था निर्णय

माध्यमिक शिक्षा निदेशक आके कुंवर ने बताया कि वर्ष 2016-17 में शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया था कि प्रदेश में कक्षा तीन से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को विज्ञान विषय की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से करवाई जाएगी। अभी भी विज्ञान की किताबें अंग्रेजी माध्यम में प्रकाशित होती हैं। छात्रों व शिक्षकों की ओर से इस बात पर जोर दिया जा रहा था कि विज्ञान विषय अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि छात्रों को पढ़ने में आसानी हो सके। अगले सत्र से इन कक्षाओं की विज्ञान विषय की पुस्तकें दोनों माध्यमों में प्रकाशित की जाएगी।

सीबीएसई के छात्रों से कैसे करेंगे स्पर्धा

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड बोर्ड सीबीएसई व आइएससी के छात्रों से स्पर्धा करने की बात कर रहा है। अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं अंग्रेजी माध्यम में होती हैं। अटल आर्दश विद्यालयों को सीबीएसई से जोड़ा गया है, दूसरी ओर विज्ञान की पढ़ाई हिंदी में करवाने की पैरवी की जा रही है।

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