बाहर की आवाजें जितनी कम होंगी, अंदर का स्वर उतना ही मुखर होगा : संत मैथिलीशरण महाराज

स्वामी रामतीर्थ मिशन सभागार में रविवार शाम 83वां संत रामतीर्थ विराट वेदांत सम्मेलन आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि जीवन का उद्देश्य संवाद होना चाहिए विवाद नहीं। कोई भी सृजन दूसरे के गुणों की स्वीकृति और उसको उपयोगी माने बगैर संभव नहीं होता।

By Nirmala BohraEdited By: Publish:Mon, 23 May 2022 10:17 AM (IST) Updated:Mon, 23 May 2022 10:17 AM (IST)
बाहर की आवाजें जितनी कम होंगी, अंदर का स्वर उतना ही मुखर होगा : संत मैथिलीशरण महाराज
श्रीराम किंकर विचार मिशन के संस्थापक अध्यक्ष संत मैथिलीशरण महाराज

जागरण संवाददाता, देहरादून : एक और अनेक अलग नहीं हैं। सारे मत जब एक हो जाते हैं तो ईश्वर का स्वर सुनाई देता है, नहीं तो सब अपने-अपने राग अलापते हैं। बाहर की आवाजें जितनी कम होंगी, अंदर का स्वर उतना ही मुखर होगा। यह बातें श्रीराम किंकर विचार मिशन के संस्थापक अध्यक्ष संत मैथिलीशरण महाराज ने राजपुर रोड स्थित स्वामी रामतीर्थ मिशन में रामकथा में प्रवचन करते हुए कहीं।

83वां संत रामतीर्थ विराट वेदांत सम्मेलन

स्वामी रामतीर्थ मिशन सभागार में रविवार शाम 83वां संत रामतीर्थ विराट वेदांत सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर संत मैथिलीशरण महाराज ने कहा कि मन में जब ईश्वर का विकल्प न रहे, बुद्धि ईश्वर के अतिरिक्त किसी का समर्थन न करे, चित्त में विकारों के स्थान पर भगवान की लीलाओं का चिंतन हो व मन सिर्फ भगवान को अपना स्वामी स्वीकार करने का हो तो हमारा धर्म, कर्म, अनुष्ठान, सृजन और पालन सब भक्तिमय हो जाता है, जो ज्ञान का चरम फल है।

उन्होंने कहा कि तुलसीदास का श्री रामचरितमानस मानस ऐकेश्वरवाद का ही समर्थक है। लेकिन, ऐकेश्वरवाद या अद्वैतवाद व्यावहारिक कसौटी पर तभी सार्थक सिद्ध होगा, जब वह अपने पथ को प्रतिपादित करते हुए विवाद न करे। जीवन का उद्देश्य संवाद होना चाहिए, विवाद नहीं। कोई भी सृजन दूसरे के गुणों की स्वीकृति और उसको उपयोगी माने बगैर संभव नहीं होता।

ज्ञान फल है और भक्ति रस, मगर दोनों एक ही

संत मैथिलीशरण ने कहा कि ज्ञान फल है और भक्ति रस, मगर दोनों एक ही हैं। समाज को बहुमत से एकमत करने का मार्ग केवल राम हैं। उनके अभाव में न तो लोग जुड़ेंगे, न ही पत्थर तैरेंगे और न राम की सेना बनकर लंका ध्वस्त होगी। सभी गुणों और मान्यताओं का लक्ष्य जब राम होंगे तभी वास्तविक ऐकेश्वरवाद होगा।

रामतीर्थ मिशन कुठाल गेट के प्रभारी रामचरण दास, हरिओम सत्संग हाल (राजपुर रोड) के प्रभारी कुलभूषण ओबराय, राजेश पैन्यूली, ट्रस्टी अंबरीष ओबराय, चिन्मय मिशन एवं गीता भवन देहरादून के अध्यक्ष राकेश ओबराय, गुलशन खुराना, बाली महिला मंडल की अध्यक्ष कुसुम मित्तल, उद्यमी राजीव माहेश्वरी सहित शहर के तमाम बुद्धिजीवी और भक्त प्रवचन में उपस्थित रहे।

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