रोडवेज प्रबंधन कार्यशाला के ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर रोक, जानिए क्या है वजह

रोडवेज प्रबंधन ने गुरुवार को उन सभी आउटसोर्स तकनीकी कर्मियों का वेतन रोक दिया है जो मई से ड्यूटी पर नहीं आए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 06:55 PM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 06:55 PM (IST)
रोडवेज प्रबंधन कार्यशाला के ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर रोक, जानिए क्या है वजह
रोडवेज प्रबंधन कार्यशाला के ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर रोक, जानिए क्या है वजह

देहरादून, जेएनएन। संविदा और विशेष श्रेणी के चालक-परिचालकों के मई के वेतन में आधी कटौती करने के बाद अब रोडवेज प्रबंधन ने गुरुवार को उन सभी आउटसोर्स तकनीकी कर्मियों का वेतन रोक दिया है, जो मई से ड्यूटी पर नहीं आए हैं। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि कार्यशाला में बड़ी संख्या में आउटसोर्स कर्मचारी मई और जून में काम पर नहीं आए हैं। इन सभी का मई का वेतन रोकने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, प्रबंधन के इस फैसले से रोडवेज के कर्मचारी संगठनों में भारी आक्रोश है।

कोरोना काल में आर्थिक संकट से गुजर रहा रोडवेज प्रबंधन लगातार सख्ती कर रहा है। बसों का संचालन बेहद सीमित संख्या में हो रहा और निगम की आय भी कम है। ऐसे में निगम सरकार से मदद लेकर वेतन बांट रहा है। वर्तमान में निगम पर चार माह मई, जून, जुलाई और अगस्त का वेतन लंबित हो गया है। सरकार ने दो दिन पूर्व ही पंद्रह करोड़ की मदद मंजूर की है, जिससे निगम मई का वेतन देगा। लिहाजा, निगम प्रबंधन संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स कर्मियों के वेतन में लगातार कटौती कर रहा। 

दूसरी ओर, उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के प्रांतीय महामंत्री रविनंदन कुमार की ओर से इस फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से 22 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन के आदेश दिए गए थे। अनलॉक को लेकर व्यवस्था एक जून से जारी हुई। ऐसे में मई में जो कर्मी नहीं आए, उनका वेतन रोकना भारत सरकार के आदेश की अवहेलना है। यूनियन की ओर से इस संबंध में आंदोलन का नोटिस प्रबंध निदेशक को दिया गया है। 

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वहीं, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि जिस तरह से निगम प्रबंधन वेतन में लगातार कटौती कर रहा है। वह कर्मियों के विरुद्ध हिटलरशाही है। यूनियन की ओर से नौ सितंबर की मध्य रात्रि से समूचे प्रदेश में कार्य बहिष्कार का एलान किया गया है। अगर निगम प्रबंधन ने आठ सितंबर तक जो भी कटौती की हैं, वह वापस नहीं नहीं ली, तो बसों का संचालन ठप कर दिया जाएगा। 

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