Road Safety With Jagran: मंडलायुक्त सुशील कुमार ने कहा- 'क्रश बैरियर और संकेतकों पर दिया जा रहा जोर'

Road Safety With Jagran गढ़वाल मंडल की सड़कों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए समय-समय पर मंडलायुक्त सुशील कुमार भी जिलाधिकारियों और पुलिस परिवहन व निर्माण एजेंसियों के आला अधिकारियों के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी करते रहते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 30 Nov 2022 04:09 PM (IST) Updated:Wed, 30 Nov 2022 04:09 PM (IST)
Road Safety With Jagran: मंडलायुक्त सुशील कुमार ने कहा- 'क्रश बैरियर और संकेतकों पर दिया जा रहा जोर'
Road Safety With Jagran: मंडलायुक्त सुशील कुमार ने बताई प्राथमिकता।

देहरादून। गढ़वाल मंडल के सात जिलों में हरिद्वार को छोड़कर बाकी में पर्वतीय क्षेत्रों की सड़कों की बहुलता है। पर्वतीय क्षेत्रों का सफर एक तरफ रमणीक होता है तो दूसरी तरफ दुर्घटना के लिहाज से बेहद संवेदनशील। गढ़वाल मंडल की सड़कों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए समय-समय पर मंडलायुक्त सुशील कुमार भी जिलाधिकारियों और पुलिस, परिवहन व निर्माण एजेंसियों के आला अधिकारियों के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी करते रहते हैं। वर्तमान में गढ़वाल मंडल में सड़क सुरक्षा को लेकर क्या प्रयास किए जा रहे हैं, इस पर दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता सुमन सेमवाल ने उनसे विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश।

गढ़वाल मंडल की सड़कों पर सुरक्षित सफर के लिए क्या चुनौतियां सामने हैं। इन्हें कैसे दूर किया जा रहा है? गढ़वाल मंडल में सुरक्षित सफर के लिए सर्वाधिक चुनौती पर्वतीय क्षेत्रों में सामने आती है। इन सड़कों को क्रश बैरियर लगाकर और संकेतक (साइनेज) के माध्यम से सुरक्षित बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सड़कों को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा रहा है?

पर्वतीय क्षेत्रों में कई भूस्खलन जोन सरकारी मशीनरी समेत यात्रियों की नित नई परीक्षा लेते हैं। कई भूस्खलन जोन विकट स्थिति पैदा कर देते हैं। ऐसे स्थलों पर लोनिवि और राजमार्ग समेत अन्य संबंधित निर्माण एजेंसियों को मानसून से पहले ही व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इन स्थलों पर वर्षाकाल में जेसीबी हर समय तैनात रखने को कहा गया है। साथ ही भूस्खलन जोन के पुख्ता उपचार के लिए नई तकनीक पर काम करने के प्रयास भी गतिमान हैं।

गढ़वाल मंडल में चारधाम यात्रा मार्गों पर यातायात का दबाव यात्रा सीजन में बढ़ जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों से अनजान चालक भी यहां सफर करते हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए क्या किया जा रहा है?

परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि चारधाम यात्रा के दौरान वाहनों और चालकों का सघन परीक्षण किया जाए। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में उन्हीं चालकों को वाहन चलाने की अनुमति दी जाए, जो सर्पीली सड़कों पर चलने के अभ्यस्त हैं।

दुर्घटना के बाद राहत और बचाव के दौरान कई दफा उपचार आदि में सामंजस्य का अभाव यात्रियों की जान पर भारी पड़ जाता है। इस खामी को कैसे दूर करेंगे? जिलाधिकारियों समेत पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि पर्वतीय मार्गों पर आपातकालीन सेवाएं हर समय दुरुस्त रखी जाएं। इसके लिए आपदा प्रबंधन से लेकर एंबुलेंस सेवा व अस्पतालों की व्यवस्था को साधन संपन्न बनाने के प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं।

पर्वतीय मार्गों पर प्रवर्तन व निगरानी तंत्र में कितने सुधार की जरूरत है?

सड़क सुरक्षा के लिहाज से पर्वतीय मार्गों पर रात्रि के समय वाहन चलाने को लेकर नियम बनाए गए हैं। चारधाम यात्रा के दौरान ऐसे मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक वाहनों का संचालन प्रतिबंधित कर दिया जाता है। कई दफा नियमों के उल्लंघन की बात भी सामने आती है। नियमों के पालन के लिए सभी अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

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