समिति की रिपोर्ट के इंतजार में पदोन्नति में शिथिलीकरण

प्रदेश के विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे पदोन्नति के पदों में समय सीमा के मानकों में शिथिलीकरण का मसला अभी समिति की रिपोर्ट के इंतजार में ही लंबित चल रहा है।

By Edited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 07:52 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 08:40 PM (IST)
समिति की रिपोर्ट के इंतजार में पदोन्नति में शिथिलीकरण
समिति की रिपोर्ट के इंतजार में पदोन्नति में शिथिलीकरण

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे पदोन्नति के पदों में समय सीमा के मानकों में शिथिलीकरण का मसला अभी समिति की रिपोर्ट के इंतजार में ही लंबित चल रहा है। ऐसे में कई विभाग अब अपनी विभागीय नियमावली में ही इसका प्रावधान करने की तैयारी कर रहे हैं। 

 प्रदेश में वर्ष 2015 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों में पदोन्नति में समय सीमा के मानकों के पूरा न होने के कारण रिक्त पदों को भरने के लिए पदोन्नति में शिथिलीकरण नियमावली में संशोधन किया था। इससे पहले पदोन्नति में शिथिलीकरण के सभी प्रस्ताव शासन को भेजे जाते थे। इस दौरान सरकार ने विभागीय स्तर से ही पदोन्नति में शिथिलीकरण देेने की व्यवस्था की थी। वर्ष 2017 में मौजूदा सरकार ने पदोन्नति में शिथिलीकरण देने के मामलों में लगातार मिल रही शिकायतों और पारदर्शी व्यवस्था बनाने का आधार बनाते हुए पदोन्नति में शिथिलीकरण नियमावली पर रोक लगा दी। नतीजतन विभागों में पदोन्नति में रिक्त पदों की संख्या बढ़ने लगी।

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सरकार द्वारा लगाई गई रोक के बाद कुछ कर्मचारियों ने इस पर कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने सरकार को इस रोक के संबंध में पुनर्विचार करने को कहा था। इस पर शासन ने एक समिति का गठन किया, जिसे इस मसले पर फैसला लेना था। तकरीबन एक वर्ष पूरा होने के बाद भी यह समिति कोई निर्णय नहीं ले पाई है। विभागों द्वारा बार-बार इस संबंध में दिशा निर्देश मांगे जा रहे हैं लेकिन जवाब यही मिल रहा है कि मामला विचाराधीन है। ऐसे में अब कई विभाग अपनी सेवा नियमावली में ही इसे जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 

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इस संबंध में अपर सचिव कार्मिक एसएस वाल्दिया का कहना है कि इस मामले में अभी तक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है। 

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