मसूरी में जल्द होगा शिफन कोर्ट के प्रभावितों का पुनर्वास, चिह्नित कर ली गई जमीन

सदन में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने मसूरी के शिफन कोर्ट का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि अगस्त 2020 से शिफन कोर्ट से हटाए गए 84 परिवारों को छत नहीं मिल पाई है। जब इन्हें हटाया गया तब सरकार ने कहा था कि वह इनके लिए अन्यत्र व्यवस्था करेगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 09:55 AM (IST)
मसूरी में जल्द होगा शिफन कोर्ट के प्रभावितों का पुनर्वास, चिह्नित कर ली गई जमीन
मसूरी में जल्द होगा शिफन कोर्ट के प्रभावितों का पुनर्वास, चिह्नित कर ली गई जमीन। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मसूरी के शिफन कोर्ट से हटाए गए परिवारों के लिए मसूरी नगर पालिका ने जमीन चिह्नित कर ली है। जल्द ही यहां 32 परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा। शुक्रवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने मसूरी के शिफन कोर्ट का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि अगस्त 2020 से शिफन कोर्ट से हटाए गए 84 परिवारों को छत नहीं मिल पाई है। जब इन्हें हटाया गया, तब सरकार ने कहा था कि वह इनके लिए अन्यत्र व्यवस्था करेगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। इसका जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वैधानिक रूप से वहां 24 परिवार थे। सबको 21-21 हजार रुपये दिए गए। 32 मकान बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर दी गई है।

हंस फाउंडेशन की मदद से यह कार्य किया जा रहा है। जल्द इसका शिलान्यास माता मंगला द्वारा किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि बरसात के कारण मकान बनाने का काम शुरू नहीं हो पाया। जल्द प्रभावितों की व्यवस्था कर ली जाएगी। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि इससे 84 परिवार प्रभावित है। सरकार को सभी के लिए व्यवस्था करनी चाहिए।

कंडीसौड़ सीएचसी को छाम सीएचसी में किया सम्मिलित

सरकार ने सदन में बताया कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। इसको दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में भी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। कंडीसौड़ को छाम सीएचसी में सम्मलित कर लिया गया। शुक्रवार को सदन में विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने स्वास्थ्य सेवाओं का मसला उठाया।

उन्होंने कहा कि धनोल्टी में व थत्यूड के स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सक व तकनीशियनों की कमी है। इससे आमजन को इलाज के लिए देहरादून-मसूरी व ऋषिकेश तक आना पड़ता है। उन्होंने यहां स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बात उठाई। सरकार की ओर से इसका जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।

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