देहरादून में एसी व फ्रिज की घटी डिमांड, जानिए क्या कहते हैं डीलर
उत्तराखंड में इस बार अभी तक बारिश ओलावृष्टि व ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से चिलचिलाती गर्मी का एहसास नहीं हो रहा है। ऐसे में एयर कंडीशन व फ्रिज की डिमांड ज्यादा नहीं है। ऊपर से कोरोना संक्रमण के चलते लोग ठंडी चीजों से परहेज कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड में इस बार अभी तक बारिश, ओलावृष्टि व ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से चिलचिलाती गर्मी का एहसास नहीं हो रहा है। ऐसे में एयर कंडीशन व फ्रिज की डिमांड ज्यादा नहीं है। ऊपर से कोरोना संक्रमण के चलते लोग ठंडी चीजों से परहेज कर रहे हैं।
साथ ही कोविड कफ्र्यू के कारण दुकानें बंद हैं। यह भी वजह है कि एसी, फ्रिज, कूलर व पंखों की ज्यादा बिक्री नहीं हो रही है। उत्तराखंड लघु उद्योग भारती के प्रांत महामंत्री विजय ङ्क्षसह तोमर ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से एमएसएमई सेक्टर के उद्योग भी प्रभावित हैं। उत्पादन से लेकर ब्रिकी तक में भारी गिरावट आइ है।
60 फीसद तक आई गिरावट
विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक कंपनी के एसी, फ्रिज के डीलर मनोज कुमार ङ्क्षसह व बीके बत्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले वर्ष व इस बार अभी तक एसी, फ्रिज व कूलर की मांग में 60 फीसद की कमी आइ है। पिछले साल करीब 71 दिन तक लॉकडाउन रहा, जिससे इलेक्ट्रॉनिक के इन उपकरणों का उत्पादन ठप रहा। इस बार पिछले 20 दिनों से दून में कोरोना कफ्र्यू है, इससे भी डिमांड नहीं है। सामान्य वर्षों में जहां 10 अप्रैल से 10 मई के बीच किसी एक कंपनी के करीब सौ फ्रिज बिकते थे, वहीं इस बार मात्र 35 से 38 फ्रिज की बिके हैं। यही स्थिति एयर कंडीशन व कूलर की ब्रिकी में भी देखी जा रही है।
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2250 के करीब हैं राज्य में उद्योग
प्रदेशभर के औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुईं, मोहब्बेवाला, पटेलनगर, हरिद्वार, ज्वालापुर, काशीपुर, ऊधमङ्क्षसह नगर, गदरपुर आदि में इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल्स के सामान का उत्पादन, एसेंबङ्क्षलग, पैकेङ्क्षजग से जुड़े 2250 उद्योग हैं। जिसमें अस्सी फीसद एमएसएमई सेक्टर की यूनिट हैं। जिनमें प्रतिवर्ष पांच सौ करोड़ से अधिक का कारोबार होता है।
कोरोना के कारण घटी खरीदने की क्षमता
इलेक्ट्रॉनिक गुड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन माहेश्वरी बताते हैं कि पिछले एक वर्ष से उद्योगों में इलेक्ट्रॉनिक गुड्स का उत्पादन वैसे भी कम हो रहा हैं। कोरोना संक्रमण के कारण इनकी डिमांड काफी घटी है। आय के साधन सीमित होने से आमजन की क्रय क्षमता भी घटी है।
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