टैक्सी बिल घोटाले: अब दोषी अफसरों से वसूली जाएगी रकम
टैक्सी बिल घोटाले के दोषी दस अधिकारियों से वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं। ये घोटाला साल 2008 से 2013 तक स्वास्थ्य विभाग में हुआ था।
देहरादून, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग में हुए टैक्सी बिल घोटाले में दोषी 10 अधिकारियों से करीब 1.32 करोड़ रुपये की वसूली होगी। शुक्रवार को शासन ने इसके आदेश कर दिए। साल 2008 से 2013 तक स्वास्थ्य विभाग में टैक्सी बिल घोटाला हुआ था। इस घोटाले में तत्कालीन 12 सीएमओ, सीएमएस स्तर के अफसर और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पांच निजी सचिव दोषी पाए गए थे।
प्रदेश सरकार की ओर से दोषियों से घोटाले की रकम वसूली की कार्रवाई शुरू की। राज्य लोक सेवा आयोग ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ वसूली की मंजूरी दे दी थी। अब राजभवन की अनुमति के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वसूली के आदेश हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशक व विजय बहुगुणा के निजी सचिवों से वसूली पर कार्रवाई करने को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
टैक्सी बिल घोटाले में डॉ. आरएस असवाल, डॉ.जीसी बौठियाल, डॉ.एसपी अग्रवाल, डॉ. बीके गैरोला, डॉ. आरके पंत, डॉ. दीपा शर्मा, डॉ. मीनू रावत, डॉ. सुरेंद्र दत्त सकलानी, डॉ. राकेश कुमार सिन्हा और डॉ. वाईएस राणा को दोषी पाया गया। अब इन अधिकारियों से वसूली की जाएगी।
ज्यादातर अधिकारी हो चुके हैं रिटायर
टैक्सी बिल घोटाले के दोषी 12 अफसरों में से दो की मृत्यु हो चुकी है, जबकि अधिकांश रिटायर हो गए हैं। राज्य सरकार ने इसी मुताबिक रिकवरी का फैसला लिया है। सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन से प्रतिमाह दस से पंद्रह प्रतिशत की कटौती की जाएगी, जबकि सेवारत अधिकारियों से डेढ़ हजार से पांच हजार रुपये प्रतिमाह वसूली की जाएगी।
किससे कितनी वसूली (लगभग)
डॉ. राकेश कुमार सिन्हा- 83 लाख
डॉ. एसपी अग्रवाल- 20 लाख
डॉ. आरके पंत-15 लाख
डॉ. आरएस असवाल- 6.80 लाख
डॉ. सुरेंद्र दत्त सकलानी- 3.50 लाख
डॉ. वाईएस राणा- 1.25 लाख
डॉ. दीपा शर्मा- एक लाख
डॉ. जीसी बौठियाल- 90 हजार
डॉ. बीके गैरोला- 50 हजार
डॉ. मीनू रावत- 20 हजार