मोहम्मदपुर व खटीमा परियोजनाओं में रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन

कोरोना के दौर में अच्छी खबर आई है। राज्य के मोहम्मदपुर व खटीमा परियोजनाओं में इस बार मई के महीने में रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन हुआ है। इससे कहीं न कहीं मंद पड़ी अर्थव्यवथा में जान आई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 03:00 AM (IST)
मोहम्मदपुर व खटीमा परियोजनाओं में रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन
मोहम्मदपुर व खटीमा परियोजनाओं में रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन

- 5.895 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ मई में मोहम्मदपुर परियोजना से

-24.139 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ मई में खटीमा जल विद्युत परियोजना जागरण संवाददाता, देहरादून: यूजेवीएनएल की मोहम्मदपुर और खटीमा जल विद्युत परियोजनाओं ने बीते मई महीने में रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन किया गया है। मोहम्मदपुर जल विद्युत परियोजना से 5.895 मिलियन यूनिट जबकि खटीमा जल विद्युत परियोजना से 24.139 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। इस साल मार्च तक हुई बर्फबारी और बारिश के चलते नदियों का बढ़ा जलस्तर इसका बड़ा कारण है।

कोरोना महामारी के बीच जब अर्थव्यवस्था पर संकट छाया हुआ है तो इस समय में जल विद्युत परियोजनाएं सहारा बनकर खड़ी हुई हैं। हाल के दिनों में मनेरी भाली फेज टू जल विद्युत परियोजना से जहा रिकार्ड बिजली पैदा हुई। इसके अलावा हरिद्वार की अपर गंगा कैनाल पर स्थित मोहम्मदपुर व खटीमा जल विद्युत परियोजना ने भी रिकॉर्ड बिजली पैदा की है। यूजेवीएनएल के अनुसार हरिद्वार जिला मुख्यालय से 49.5 किमी दूर गंगा नहर में 1952 में 9.3 मेगावाट क्षमता की मोहम्मदपुर जल विद्युत परियोजना की क्षमता कम होकर 6.3 मेगावाट तक रह गई थी। छह जून 2010 को परियोजना की पहली यूनिट का पुनरुद्धार का कार्य शुरू हुआ। इसका पुनरुद्धार कर 30 अप्रैल 2012 को यह यूनिट जल विद्युत निगम को हस्तगत की गई। अब तक इस परियोजना का किसी भी एक माह का सर्वाधिक विद्युत उत्पादन 5.824 मिलियन यूनिट था जो कि माह जनवरी 2018 में किया गया था। वहीं, ऊधमसिंहनगर में सीमावर्ती क्षेत्र में शारदा नदी पर स्थित 41.4 मेगावाट क्षमता की खटीमा जल विद्युत परियोजना का अब तक का मई महीने में सर्वाधिक विद्युत उत्पादन 23.828 मिलियन यूनिट था जो मई 2019 में दर्ज किया गया था।

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रिकॉर्ड विद्युत उत्पादन का श्रेय उकृष्ट कार्ययोजना और अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यकुशलता है। उत्पादन का अधिक होना नदियों में जलप्रवाह का सामान्य होना भी है, जो आने वाले दिनों में ऊर्जा के क्षेत्र में और आत्मनिर्भरता देगा।

विमल डबराल, प्रवक्ता, यूजेवीएनएल

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