रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले, कुछ ताकतें बिगाड़ना चाहती हैं भारत-नेपाल के रिश्ते, पर हम कभी नहीं देंगे बिखरने

Rajnath Singh रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ ताकतें भारत और नेपाल के रिश्ते बिगाड़ना चाहती हैं लेकिन हम कभी ये रिश्ते टूटने बिखरने नहीं देंगे। ये बात उन्होंने उत्तराखंड में सैन्यधाम के शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कही।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 15 Dec 2021 02:22 PM (IST) Updated:Wed, 15 Dec 2021 08:35 PM (IST)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले, कुछ ताकतें बिगाड़ना चाहती हैं भारत-नेपाल के रिश्ते, पर हम कभी नहीं देंगे बिखरने
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले, कुछ ताकतें बिगाड़ना चाहती हैं भारत-नेपाल के रिश्ते।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का नेपाल से रोटी-बेटी का रिश्ता है। साथ ही सांस्कृतिक रिश्ते भी हैं। कुछ ताकतें भारत-नेपाल के संबंध खराब करना चाहती हैं। सरकार का प्रतिनिधि होने के नाते वह कहना चाहते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे शीश झुका कर भी रहना पड़े, तो भी नेपाल के साथ रिश्ते को टूटने नहीं देंगे, रिश्ते बिगड़ने नहीं देंगे। तिब्बत से भी भारत के रिश्ते बेहतर रहे हैं। विजय दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा कि आज का भारत कमजोर नहीं, मजबूत भारत है। भारत ने किसी भी देश की एक इंच भूमि पर कब्जा नहीं किया है और न ही पहले आक्रमण किया है। यदि कोई बाहरी ताकत भारत की तरफ नजर उठा कर देखेगी, तो उसका दो टूक जवाब दिया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को देहरादून में बनने वाले सैन्यधाम का भूमि पूजन और शहीद सम्मान यात्रा का समापन किया। उन्होंने सम्मानित किए गए शहीदों के स्वजन व वीर नारियों से मुलाकात भी की। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वीर, शौर्य व पराक्रम की भूमि भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों के अनुरूप यहां सैन्यधाम बन रहा है। सैन्यधाम में शहीदों के आंगन से मिट्टी लाई गई है। राष्ट्रीय स्वाभिमान की प्रबल भावना ही देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने को प्रेरित करती है। सैन्यधाम के निर्माण का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। भविष्य में सैन्यधाम में जो भी आएगा, वह राष्ट्रीय स्वाभिमान व कुछ कर गुजरने की तमन्ना लेकर जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि सैन्यधाम को केवल स्मारक तक ही सीमित न रखा जाए, बल्कि इसमें सभी शहीदों के नाम अंकित किए जाएं। साथ ही उन्होंने आनलाइन श्रद्धांजलि अर्पित करने की व्यवस्था का भी सुझाव दिया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक, वन पेंशन की सुविधा दी गई है। साथ ही 2006 से पहले सेवानिवृत्त हवलदार को आनरेरी सूबेदार का लाभ देने की व्यवस्था की गई है। शार्ट सर्विस कमीशन से सेवा मुक्त होने वाले अधिकारी भी अब अपने नाम के साथ रैंक का प्रयोग कर सकते हैं। युद्ध में जान गंवाने वालों के लिए राहत राशि दो लाख से बढ़ाकर आठ लाख की गई है। अब दूसरे विश्व युद्ध में शामिल रहे सैनिकों और शार्ट सर्विस कमीशन वाले अधिकारियों को भी ईसीएचएस की सुविधा दी जा रही है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने सेना के हाथ बांधे नहीं हैं। जब पड़ोसी देश ने नापाक हरकत की, तो सरकार ने सेना को अधिकार दिया कि वह जो निर्णय लेना चाहे, ले सकती है। यह निर्णय गलत भी साबित होता है तो भी सरकार उनके साथ खड़ी है। सर्जिकल व एयर स्ट्राइक के माध्यम से यह संदेश दिया कि दुश्मन को अपनी सीमा पर आने पर मार भी सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उनकी सीमा के अंदर जाकर भी मार सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास को केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है। यहां सड़क, रेल व हवाई कनेक्टिविटी को विस्तार दिया गया है।

मुख्यमंत्री को बताया आलराउंडर

रक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धाकड़ बल्लेबाज तो हैं ही, वे तेज तर्रार गेंदबाज भी हैं। वह पलक झपकते ही विकास विरोधियों को क्लीन बोल्ड कर देते हैं। वह एक ऐसे आलराउंडर हैं, जिनके नेतृत्व में 2024 तक उत्तराखंड हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनेगा।

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