सूखे स्त्रोत, खुद ही प्यासी हैं पेयजल लाइनें

गर्मी शुरू होते ही कई गांवों व मजरों में पेयजल संकट गहराने लगा है। पेयजल लाइनों की हालत खस्ता होने के साथ ही स्त्रोत सूखने से समस्या और बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 07:42 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 07:42 PM (IST)
सूखे स्त्रोत, खुद ही प्यासी हैं पेयजल लाइनें
सूखे स्त्रोत, खुद ही प्यासी हैं पेयजल लाइनें

संवाद सूत्र, चकराता : गर्मी शुरू होते ही कई गांवों व मजरों में पेयजल संकट गहराने लगा है। पेयजल लाइनों की हालत खस्ता होने के साथ ही स्त्रोत सूखने से समस्या और बढ़ गई है। खुद के हलक तर करने के साथ ही मवेशियों की प्यास बुझाने को ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। लोगों ने एसडीएम से व्यवस्था सुचारू कराने की मांग की।

कहने को तो जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर की पेयजल समस्या दूर करने के नाम पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर लाइनें बनवाई, लेकिन लाइनों के रखरखाव पर विभागीय अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया। कालसी ब्लॉक की बात करें तो उपरोली गांव के लिए तीन-तीन पेयजल लाइनें हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव में तीनों लाइन से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उपरोली ग्राम प्रधान रोशनी देवी का कहना है कि दो लाइनें दैवीय आपदा से तहत नहस हुई थी, जबकि एक लाइन जल स्त्रोत सूखने से बेकार हो गई है। जिससे पूरे गांव के ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए तमाम दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। पशुओं की प्यास बुझाने को दो किमी दूर पानी पिलाने के लिए ले जाना पड़ता है। उन्होंने जल संस्थान व जिला प्रशासन से पेयजल लाइनों को ठीक कराने की मांग की। इसी तरह कोटा, मुडवाण व दोऊ गांव की पेयजल लाइन की हालत भी बेहद जर्जर हो चली है। लंबे समय से लाइन की मरम्मत न होने से पेयजल संकट गहराने लगा है। लाइन से जुड़े दो मजरे भी प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण प्रधान रूपौ सरदार सिंह चौहान, प्रधान दोऊ बामो देवी, प्रताप चौहान, मुकेश, गजेंद्र सिंह, भगत सिंह आदि का कहना है कि करीब पंद्रह साल पहले बनी पेयजल लाइन की मरम्मत न होने से पेयजल संकट गहराने लगा है। उनके गांव से जुडे़ मुडवाण, कांडी, जमंडा, सुरिया व छानिका मजरों में बूंद पानी नहीं आ रहा है। कुरोली गांव की पेयजल लाइन की हालत भी बदहाल होने से लोगों के हलक सूख रहे हैं।

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जल संस्थान व जल निगम के अधिशासी अभियंताओं को पेयजल लाइनें ठीक कराकर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी तक क्षेत्र में पेयजल समस्याओं को लेकर सूचना नहीं मिली है। गर्मी के दिनों में जहां पर जरूरत होगी, वहां पर टैंकरों से आपूर्ति कराई जाएगी।

अपूर्वा सिंह, एसडीएम चकराता

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