डॉलर के नाम पर ठगी में दो आरोपित पुणे से गिरफ्तार Dehradun News

राजपुर रोड स्थित होटल लेमन ट्री में डॉलर बदलने के बहाने ट्रेवल एजेंसी मालिक से हुई सवा तीन लाख रुपये की ठगी में पुलिस ने दो आरोपित को पुणे से गिरफ्तार किया।

By Edited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 08:24 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 12:11 PM (IST)
डॉलर के नाम पर ठगी में दो आरोपित पुणे से गिरफ्तार Dehradun News
डॉलर के नाम पर ठगी में दो आरोपित पुणे से गिरफ्तार Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। राजपुर रोड स्थित होटल लेमन ट्री में डॉलर बदलने के बहाने ट्रेवल एजेंसी मालिक से हुई सवा तीन लाख रुपये की ठगी को महाराष्ट्र के गैंग के तीन सदस्यों ने अंजाम दिया था। इनमें से दो को पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ठगों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर देहरादून पहुंची और कोर्ट में पेश कर दिया। जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। 

आरोपितों के पास से ठगी के 1.80 लाख रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं। आरोपितों में एक ट्रांसपोर्ट एजेंट है, जबकि दूसरा होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुका है। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि गिरफ्तार ठगों की पहचान योगेश काले पुत्र जगन्नाथ काले निवासी रेन इन नीलाकाश सोसायटी, नीलमणि पार्क, जेल रोड नासिक व शशांक पंवार पुत्र श्याम पंवार निवासी मकान नंबर चार नीलमणि पार्क, जेल रोड नासिक के रूप में हुई है। 

वहीं, फरार सदस्य की पहचान सागर पुत्र गिरीश चिटनिस निवासी निकट गणपति मंदिर, थाना कल्याण तालुका जिला ठाणे, महाराष्ट्र के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला कि तीनों दोस्त हैं और जून के आखिरी सप्ताह में हरिद्वार होते हुए देहरादून पहुंचे थे। 

एक जुलाई को योगेश ने रिस्पना पुल के पास एक ई-रिक्शा चालक के मोबाइल से धोखे से उसका सिमकार्ड निकाल लिया। इसी नंबर से योगेश ने ट्रेवल एजेंसी मालिक श्रेयम अग्रवाल से बात की और कहा कि उसके पास काफी डॉलर हैं, जिन्हें रुपये से बदलना है। 

डील के लिए ठगों ने उन्हें दो जुलाई की दोपहर होटल लेमन ट्री में आने को कहा। श्रेयम दो जुलाई को जब होटल पहुंचे तो शशांक होटल के गेट पर सूट-बूट पहने श्रेयम से मिला और खुद को होटल का मैनेजर बताकर कान्फ्रेंस हॉल तक ले गया। श्रेयम के होटल में जाने के बाद सागर होटल के बाहर रुक गया और आने-जाने वालों पर नजर रखने लगा। 

कान्फ्रेंस हॉल में योगेश और शशांक ने श्रेयम से पूछा कि कितना कैश लाए हैं, तो उन्होंने 3.10 लाख रुपये उन्हें पकड़ा दिए। इसके बाद दोनों हॉल से बाहर आकर सीधे सागर के पास पहुंचे और वहां से टैक्सी में सवार होकर निकल गए और इधर श्रेयम काफी देर तक दोनों के लौटने का इंतजार करते रहे। 

आधा घंटे से अधिक गुजर जाने के बाद भी दोनों नहीं लौटे तो उन्होंने बाहर आकर होटल के अन्य स्टाफ से दोनों के बारे में पूछा तो पता चला कि वह यहां काम नहीं करते हैं। तब उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ और पुलिस को सूचना दी। 

तहसील चौक से हॉयर की थी टैक्सी 

वारदात को अंजाम देने के लिए ठगों ने दो जुलाई की दोपहर तहसील चौक के पास से टैक्सी पकड़ी थी। टैक्सी चालक को बताया था कि कुछ देर होटल लेमन ट्री में रुकने के बाद वह हरिद्वार तक जाएंगे। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों हरिद्वार गए और वहां ललितारौ पुल के पास टैक्सी छोड़ दी। रात में ही दूसरी टैक्सी पकड़कर दिल्ली निकल गए और दिल्ली से फ्लाइट से मुंबई और वहां से पुणे चले गए। 

पुलिस ऐसे पहुंची ठगों तक 

ई-रिक्शा चालक को देर शाम घर जाने पर पता चला कि उसके मोबाइल में सिमकार्ड नहीं है। उसे तीनों पर शक हुआ और उसने अगले दिन नेहरू कॉलोनी थाने में सिमकार्ड गुम होने की रिपोर्ट लिखा दी। मगर तब तक पुलिस इस कड़ी तक नहीं पहुंच पाई थी। पुलिस को यह नंबर होटल के रिसेप्शन से मिला।

डिटेल निकालने पर पता चला कि सिमकार्ड दीपनगर के एक शख्स के नाम पर है। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि एक जुलाई को उसके ई-रिक्शा में बैठे तीन लोगों ने उसका मोबाइल लिया था। इसके बाद होटल ले जाने वाले टैक्सी चालक ने भी तीन की संख्या बताई। 

वारदात के बाद तीनों ने सिम रास्ते में फेंक दिया और हरिद्वार निकल गए। तब पुलिस ने डेटा डंप कर ठगों के हरिद्वार जाने के समय के एक्टिव मोबाइल नंबरों का डाटा खंगाला। इससे पता चला कि महाराष्ट्र के तीन मोबाइल नंबर एक साथ चल रहे हैं। 

इससे पुलिस दिल्ली पहुंची, जहां पहाड़गंज के एक होटल में तीनों ने कमरा लिया था। वहां से पुलिस को एक की आइडी मिली और उसके आधार पर पुलिस ठगों तक पहुंचने में कामयाब हुई। सागर है ठगी का मास्टरमाइंड ठगों को पुणे से गिरफ्तार कर देहरादून पहुंचे आइटी पार्क चौकी इंचार्ज आशीष रावत ने बताया कि योगेश पुणे में ट्रांसपोर्ट एजेंट का काम करता है। जेल रोड पर ही उसकी दुकान है। 

शंशाक होटल मैनेजमेंट का कोर्स करके कुछ समय एक होटल में नौकरी भी कर चुका है। सागर के बारे में अभी ज्यादा नहीं मालूम है, लेकिन दोनों ने बताया कि उन्हें सागर ही मोटी कमाई कराने का लालच देकर दून लाया था। सागर की तलाश की जा रही है।

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